कोर्ट ने आरोपी मेघनाद यादव को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही उस पर कुल 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया. यह फैसला स्पीडी ट्रायल के तहत महज एक वर्ष में सुनाया गया.
- स्पीडी ट्रायल में एक साल में आया फैसला, आरोपी को तीन साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना
- अभियोजन पक्ष की सख्त पैरवी से कोर्ट ने सुनाया सश्रम कारावास का फैसला
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अवैध हथियार के साथ पकड़े गए युवक को न्यायालय ने तीन साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. स्पीडी ट्रायल के तहत एक साल में आया यह फैसला साफ संदेश देता है कि कानून से हाथ में लोगे तो बच नहीं पाओगे.
न्यायिक दंडाधिकारी गौरव कुमार सिंह की अदालत में सोमवार को आर्म्स एक्ट के एक मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने आरोपी मेघनाद यादव को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही उस पर कुल 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया. यह फैसला स्पीडी ट्रायल के तहत महज एक वर्ष में सुनाया गया.
सहायक अभियोजन पदाधिकारी सोनालिका रौनियार ने बताया कि यह मामला ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के नैनीजोर गांव से जुड़ा है. 29 मार्च 2024 को पुलिस ने संदेह के आधार पर काशीनाथ यादव के पुत्र मेघनाद यादव को पकड़ा था. तलाशी के दौरान उसके पास से अवैध हथियार बरामद किया गया. पुलिस ने तत्परता से एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा और तय समय में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की.
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर उसे दोषी साबित किया. कोर्ट ने आरोपी को दो अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन साल की सजा और पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया. हालांकि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
सहायक अभियोजन पदाधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में त्वरित और कड़ी सजा से अपराध पर नियंत्रण संभव है. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को केवल एक वर्ष में निष्पादन करना एक मिसाल है, जो भविष्य के मामलों में भी मार्गदर्शन देगा.
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