चौसा के समीप कर्मनाशा नदी का पानी बढ़ने से चौसा-मोहनिया मुख्य पथ पर लगभग डेढ़ फीट तक पानी चढ़ गया है. फिलहाल हल्के वाहन धीरे-धीरे मार्ग पार कर रहे हैं, लेकिन जलस्तर बढ़ा तो परिचालन पूरी तरह रुक सकता है.
गांवों से टूटा संपर्क, कई डेरों में नाव से हो रहा आवागमन
रामरेखा घाट पर सोमवारी के दिन उमड़े शिवभक्त, रेड क्रॉस ने उठाए व्यवस्थाओं पर सवाल
बक्सर न्यूज़ न्यूज़, बक्सर : गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है और यह खतरे के निशान 60.32 मीटर को पार करते हुए रविवार को 60.46 मीटर पर पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग के पूर्वानुमान के अनुसार यह जलस्तर 5 अगस्त 2025 को दोपहर 12 बजे तक 60.85 मीटर तक पहुंच सकता है. फिलहाल जिले के अधिकतर इलाके सुरक्षित बताए जा रहे हैं, लेकिन तटवर्ती क्षेत्रों में हालात गंभीर होते जा रहे हैं. प्रशासन पूरी स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है.
गंगा के दबाव से सहायक नदी कर्मनाशा में भी उफान आ गया है. चौसा के समीप कर्मनाशा नदी का पानी बढ़ने से चौसा-मोहनिया मुख्य पथ पर लगभग डेढ़ फीट तक पानी चढ़ गया है. फिलहाल हल्के वाहन धीरे-धीरे मार्ग पार कर रहे हैं, लेकिन जलस्तर बढ़ा तो परिचालन पूरी तरह रुक सकता है.
सिमरी प्रखंड के गंगौली, श्रीकांत राय का डेरा, बेनी लाल का डेरा, तवकल राय का डेरा, कोयलावीर बाबा का डेरा, दली का डेरा, लाल सिंह का डेरा, लक्ष्मीशंकर का डेरा तथा रामदास राय का डेरा जैसे कई गांवों का मुख्य पथ से संपर्क टूट गया है. इन इलाकों में प्रशासन ने राहत और आवागमन के लिए 9 नावों की व्यवस्था की है.
बक्सर अंचल के जरिगाँव गांव के निचले हिस्से में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे प्रभावित परिवारों को प्रशासन द्वारा राहत सामग्री दी जा रही है.
इधर, सावन की अंतिम सोमवारी के अवसर पर श्रद्धालु गंगाजल लेने रामरेखा घाट पहुंचे. घाट पर एनडीआरएफ की टीम पूरी तरह सतर्क रही और श्रद्धालुओं को किनारे पर ही स्नान कर जल भरने की सलाह देती दिखी. गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एहतियात बरती जा रही है.
हालांकि श्रद्धालुओं को घाट पर मूलभूत सुविधाओं की कमी झेलनी पड़ी. रेड क्रॉस सचिव श्रवण कुमार तिवारी ने कहा कि नगर परिषद की सफाई व्यवस्था पूरी तरह विफल रही और स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कैंप भी नहीं लगाया. रेड क्रॉस की टीम ने स्वयं सहायता शिविर लगाकर श्रद्धालुओं की मदद की, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर घोर लापरवाही रही.
जिला प्रशासन ने गंगा के किनारे बसे परिवारों से सतर्क रहने की अपील की है और किसी भी आपात स्थिति में अंचलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी या जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (दूरभाष संख्या: 06183-223333) पर तुरंत सूचना देने का आग्रह किया है.
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