उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीराम ने वनवासियों और दीन-दुखियों को संगठित कर समाज के कल्याण के लिए कार्य किया. हर रामभक्त का यह धर्म है कि वह समाज के हर पुण्य कार्य में भागीदार बने.
- प्रेमाचार्य पीताम्बर जी महाराज ने कराया रामराज्य के आदर्शों से साक्षात्कार
- कथावाचन, राम दरबार झांकी और भंडारे में उमड़ा जनसैलाब
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : रामरेखा घाट स्थित ऐतिहासिक रामेश्वरनाथ मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीरामकथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. कथा व्यास प्रेमाचार्य पीताम्बर जी महाराज ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन चरित्र के विविध प्रसंगों का मनोहारी और भावविभोर कर देने वाला वर्णन किया. उन्होंने कहा कि "मानव जीवन को संवारना ही श्रीरामकथा का परम उद्देश्य है."
कथा के अंतिम दिन लंका दहन, राम-रावण युद्ध और भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक जैसे प्रसंगों को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए प्रेमाचार्य जी महाराज ने कहा कि रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है. यह त्याग, सेवा, मर्यादा और संगठन की प्रेरणा देती है. उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीराम ने वनवासियों और दीन-दुखियों को संगठित कर समाज के कल्याण के लिए कार्य किया. हर रामभक्त का यह धर्म है कि वह समाज के हर पुण्य कार्य में भागीदार बने.
राम दरबार की आकर्षक झांकी और भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक प्रसंग के मंचन के दौरान पूरा कथा स्थल "राजा रामचंद्र की जय" के उद्घोष से गूंज उठा. कथावाचक ने कहा कि असत्य और अधर्म का अस्तित्व ज्यादा दिनों तक नहीं टिकता. अंततः धर्म और सत्य की विजय होती है.
उन्होंने यह भी कहा कि श्रीरामकथा हमें अपनी बुराइयों को पहचानने और उन्हें छोड़ने की प्रेरणा देती है. माता-पिता की सेवा, गुरुजनों का सम्मान, गौमाता की रक्षा और ईश्वर का स्मरण जिस घर में होता है, वह घर वास्तव में स्वर्ग के समान होता है.
कथा के अंतिम दिन प्रेमाचार्य पीताम्बर जी महाराज ने समस्त श्रद्धालुओं को श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प दिलाया. रामायण पूजन और आरती के उपरांत उन्होंने कथा को विश्राम देते हुए सभी भक्तों एवं आयोजन समिति का आभार प्रकट किया.
कार्यक्रम के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. आयोजन समिति ने नौ दिवसीय श्रीरामकथा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में सहयोग देने वाले सभी क्षेत्रवासियों का धन्यवाद ज्ञापित किया.
0 Comments