ठीक एक साल पहले 31 अगस्त को नया भोजपुर थाना क्षेत्र के चंदा गांव में भी एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ था. तब वीरेंद्र सिन्हा नामक व्यक्ति के घर से सीतामढ़ी निवासी एक व्यक्ति और मुंगेर के पांच हथियार कारीगरों को गिरफ्तार किया गया था.
- दलसागर गांव में अवैध गन फैक्ट्री का पर्दाफाश, मुख्य सरगना फरार
- मुंगेर से बुलाए गए थे हथियार बनाने वाले कारीगर, छह गिरफ्तार
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र के दलसागर गांव में संचालित एक अवैध गन फैक्ट्री पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उसका भंडाफोड़ किया है. छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से हथियार निर्माण में शामिल छह लोगों को दबोचा, जिनमें दो मुंगेर के पेशेवर कारीगर हैं जबकि शेष चार बक्सर जिले के विभिन्न गांवों के निवासी हैं. इस फैक्ट्री का संचालन 1 अगस्त से शुरू हुआ था. हालांकि, गन फैक्ट्री का मास्टरमाइंड और मकान मालिक दिनेश यादव मौके से फरार हो गया. पुलिस को आशंका है कि उसने पुलिस की भनक लगते ही भागने में कामयाबी पा ली. फिलहाल उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
एसपी शुभम आर्य ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि दलसागर निवासी दिनेश यादव के घर में अवैध रूप से हथियारों का निर्माण हो रहा है. जानकारी की पुष्टि के बाद एसडीपीओ गौरव पांडेय के नेतृत्व में थानाध्यक्ष संजय कुमार, डीआईयू टीम, अवर निरीक्षक मधु और सहायक निरीक्षक सुनील कुमार की टीम गठित कर शुक्रवार की रात छापेमारी की गई.
मौके से तीन तैयार पिस्टल, 18 जिंदा कारतूस, दो मैगजीन, चार मोटरसाइकिल, छह एंड्रॉयड मोबाइल और भारी मात्रा में हथियार बनाने की सामग्री जब्त की गई. पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में मुंगेर के मिर्जापुर निवासी राजेश कुमार और चंदन बाग निवासी सुनील पोद्दार शामिल हैं, जिन्हें हथियार बनाने का अनुभव था. इनके अलावा दलसागर के संदीप यादव, बेलाउर के अनूप पासवान व दयानंद यादव और मझरिया के दुर्गेश उपाध्याय को भी पकड़ा गया.
पुलिस ने बताया कि इन सभी का आपराधिक रिकॉर्ड है और इन पर पूर्व में भी आर्म्स एक्ट, हवाई फायरिंग सहित कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं. औद्योगिक थाना में इनके खिलाफ नई प्राथमिकी भी दर्ज की गई है.
एसपी ने स्पष्ट किया कि इस नेटवर्क की जड़ें गहरी हैं और इसकी पूरी जांच की जा रही है. गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश भी जारी है.
पिछले साल भी सामने आया था ऐसा ही मामला
गौरतलब है कि ठीक एक साल पहले 31 अगस्त को नया भोजपुर थाना क्षेत्र के चंदा गांव में भी एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ था. तब वीरेंद्र सिन्हा नामक व्यक्ति के घर से सीतामढ़ी निवासी एक व्यक्ति और मुंगेर के पांच हथियार कारीगरों को गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त 36 अर्धनिर्मित पिस्टल बरामद हुई थीं. पुलिस ने उस समय गिरोह के खात्मे का दावा किया था, लेकिन अब दलसागर की यह घटना पुलिस की उस कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है.
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