उन्होंने नज़्म के जरिए आपसी भाईचारे और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया. वहीं वरिष्ठ कवि एवं अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने बक्सर को राम की नगरी बताते हुए साहित्य और संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने रोटरी बक्सर की सेवाओं को समाज के लिए मिसाल करार दिया.
- श्री चंद्र मंदिर प्रांगण में रोटरी बक्सर का आयोजन रहा सफल
- नामचीन कवियों की रचनाओं पर ठहाकों से गूंजा पूरा प्रांगण
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को रोटरी बक्सर द्वारा आयोजित हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन श्री चंद्र मंदिर प्रांगण में किया गया. कार्यक्रम में देश-प्रदेश के नामचीन कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाया और तीन घंटे से अधिक समय तक महफिल ठहाकों से गूंजती रही.
कवि सम्मेलन के उद्घोषक मशहूर कवि एवं शायर साबित रोहतासवी ने बक्सर की संस्कृति और बुलंदियों पर बात की और अपनी प्रसिद्ध नज़्म हमारा बक्सर स्वर्ग से बढ़कर सुनाई. उन्होंने नज़्म के जरिए आपसी भाईचारे और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया. वहीं वरिष्ठ कवि एवं अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने बक्सर को राम की नगरी बताते हुए साहित्य और संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने रोटरी बक्सर की सेवाओं को समाज के लिए मिसाल करार दिया.
रोटरी अध्यक्ष डॉ. दिलशाद आलम ने संस्थान की ओर से शिक्षा, स्वास्थ्य, बाढ़ राहत और सामाजिक सेवा कार्यों की मिसालें गिनाईं. समारोह के चेयरमैन निर्मल कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन साहित्य और संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं. सचिव एस. एम. साहिल ने सभी रोटेरियन को बधाई दी.
सम्मेलन में शिव बहादुर प्रीतम की कविता काहे के सकुचैल पर खूब ठहाके लगे. डॉ. अरुण मोहन भारवि और धन्नू लाल प्रेमातुर की प्रस्तुति ने तालियां बटोरीं. नंदेश्वर उपाध्याय, राम प्रताप चौबे, साबित रोहतासवी, कैफ़ी फारूखी, वशिष्ठ पांडे, हृदय नारायण शर्मा हेहर, शशि भूषण मिश्रा, रामेश्वर प्रसाद वर्मा, राजा रमन पांडे और रत्नेश ओझा राही ने भी अपनी कविताओं से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया.
इस मौके पर रोटरी के पूर्व गवर्नर डॉ. सीएम सिंह, पूर्व सचिव मनोज वर्मा, सुनील कुमार, मंजेश केसरी, आशीष गुप्ता, प्रदीप जायसवाल, गोपाल केसरी, प्रकाश पांडे, रमाशंकर सिंह, सुदीप खेतान, अमृता केसरी, परशुराम वर्मा, चंदन गुप्ता, नरेश पोद्दार, प्रेसिडेंट इलेक्ट निर्मल कुमार सिंह, रोटरेक्ट से सूरज राहुल, सचिव सुजीत गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेश सिंह, सचिव एस. एम. साहिल सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे.
लगातार तीन घंटे से अधिक समय तक दर्शकों की सजगता और उत्साह ने इस कवि सम्मेलन को ऐतिहासिक बना दिया. आयोजकों ने इसे बक्सर की सांस्कृतिक धारा के लिए महत्वपूर्ण बताया.
0 Comments