कहा कि किसानों के सामने अब करो या मरो जैसी स्थिति बन चुकी है और संघर्ष के बिना कुछ भी मिलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि 10 जनवरी को किसान सरकार और चौसा थर्मल प्रबंधन के समक्ष अपनी मांगें मजबूती से रखेंगे.
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| बैठक करते किसान |
- स्थानीय युवकों की बहाली, आरजी भुगतान और प्रदूषण मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा बिहार का आंदोलन
- बनारपुर की किसान–मजदूर चौपाल से सरकार व प्रबंधन को दो टूक चेतावनी
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चौसा थर्मल पावर प्लांट में स्थानीय युवकों की बहाली, आरजी भुगतान, प्रदूषण नियंत्रण और अन्य लंबित मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा बिहार ने 10 जनवरी 2026 को चौसा थर्मल के मुख्य द्वार पर विशाल महाधरना देने की घोषणा की है. यह घोषणा बनारपुर पंचायत भवन में आयोजित किसानों एवं मजदूरों की चौपाल के दौरान की गई.
चौपाल को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा बिहार के नेता दिनेश कुमार ने कहा कि किसानों के सामने अब करो या मरो जैसी स्थिति बन चुकी है और संघर्ष के बिना कुछ भी मिलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि 10 जनवरी को किसान सरकार और चौसा थर्मल प्रबंधन के समक्ष अपनी मांगें मजबूती से रखेंगे. यदि मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
एसकेएम नेता अशोक प्रसाद सिंह ने चौसा थर्मल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदूषण से चौसा के लोग बीमार होंगे और लाभ बाहर के लोग उठाएंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि चौसा और बक्सर के किसान, मजदूर, छात्र और नौजवान संगठित होकर थर्मल गेट पर पहुंचेंगे और अपनी आवाज बुलंद करेंगे. मांगें नहीं मानी गईं तो बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक जैसे कड़े कदम उठाने को किसान मजबूर होंगे.
प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा द्वारा आयोजित इस किसान चौपाल की अध्यक्षता शिवमुरत राजभर ने की, जबकि मंच संचालन डॉ विजय नारायण राय ने किया. मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय किसान यूनियन बिहार–झारखंड प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह, बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक संघ प्रदेश अध्यक्ष अशोक प्रसाद और जिला पार्षद पूजा कुमारी मौजूद रहीं.
प्रमुख वक्ताओं में बनारपुर ग्राम पंचायत की मुखिया ममता देवी, नंदलाल सिंह, रामप्रवेश सिंह, नरेन्द्र तिवारी, शैलेश राय, ब्रजेश राय, अश्विनी चौबे, मुन्ना तिवारी, शिवदयाल सिंह और मेराज खान शामिल रहे. बड़ी संख्या में किसान, बेरोजगार नौजवान, महिला मजदूर और STPL परियोजना से प्रभावित स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे.
चौपाल में जिला प्रशासन, STPL कंपनी और VDAC कमेटी की बैठक में उठे मुद्दों की विस्तृत जानकारी साझा की गई. NHAI–319A में व्याप्त अनियमितताओं की निंदा की गई. वक्ताओं ने बताया कि चौसा थर्मल पावर प्लांट को बिना FGD सिस्टम लगाए शुरू कर दिया गया है, जबकि सल्फर डाइऑक्साइड नियंत्रण के लिए यह अनिवार्य है. लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से लगने वाला यह सिस्टम अब तक स्थापित नहीं किया गया है, जिससे प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है.
मल्टीकार्गो टर्मिनल से कोयला ढुलाई के कारण हो रहे प्रदूषण, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के नियमों के उल्लंघन और घनी आबादी के बीच कोयले की अनलोडिंग पर भी गंभीर चिंता जताई गई. आरोप लगाया गया कि STPL कंपनी और उसकी सहयोगी पावर मेक प्रभावित गांवों की अनदेखी कर बाहरी लोगों को घूस लेकर नौकरी दे रही हैं. चौपाल में सभी मुद्दों पर एकजुट होकर संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया गया.





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