सूत्रों के अनुसार दिल्ली से आई विशेष टीम की सूचना पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें स्थानीय वनकर्मियों ने सहयोग किया. टीम के सदस्य कथित ग्राहक बनकर बक्सर पहुंचे थे और सौदा तय होते ही आरोपियों को पकड़ लिया गया.
- सादे लिबास में पहुंचे अधिकारी दो लोगों को ले गए तो मचा हड़कंप, लोगों ने पहले अपहरण और फिर एसटीएफ की कार्रवाई समझा
- वन विभाग ने तस्करी नेटवर्क को अंतरराज्यीय गिरोह से जोड़कर शुरू की जांच, रेड सैंड बोवा की कीमत 2 से 3 करोड़ रुपये तक
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर थाना क्षेत्र के कोइरपुरवा मोहल्ले में मंगलवार की शाम उस समय सनसनी फैल गई, जब सादे लिबास में आई एक टीम अचानक दो लोगों को अपने साथ ले जाते हुए वहां से निकल गई. पहले इसे अपहरण की घटना माना गया, फिर एसटीएफ की रेड की चर्चा पूरे इलाके में फैल गई. देर रात पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि दिल्ली से आई टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया और यह पूरा प्रकरण वन विभाग की कार्रवाई से जुड़ा है.
बुधवार को आरा-बक्सर वन प्रक्षेत्र के अधिकारियों ने पुष्टि की कि बक्सर से तीन लोगों को दो मुंहा सांप (रेड सैंड बोवा) की खरीद-फरोख्त के आरोप में हिरासत में लिया गया है. सूत्रों के अनुसार दिल्ली से आई विशेष टीम की सूचना पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें स्थानीय वनकर्मियों ने सहयोग किया. टीम के सदस्य कथित ग्राहक बनकर बक्सर पहुंचे थे और सौदा तय होते ही आरोपियों को पकड़ लिया गया.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार हिरासत में लिए गए तीन लोगों में इंद्रजीत सिंह कोइरी और जयराम सिंह के नाम शामिल हैं. बताया जा रहा है कि इंद्रजीत हाल ही में हत्या के मामले में सजा काटकर बाहर आया था, जिससे कार्रवाई के बाद पूरे इलाके में और हलचल बढ़ गई.
वन अधिकारियों के अनुसार रेड सैंड बोवा की तस्करी करोड़ों रुपये के अवैध नेटवर्क का हिस्सा होती है. जिले के स्नेक रेस्क्यूवर हरिओम बताते हैं कि इस प्रजाति की कीमत इसके वजन और आकार पर निर्भर करती है. चार फीट का रेड सैंड बोवा 2 से 3 करोड़ रुपये तक बिक सकता है और इसका उपयोग कथित रूप से तांत्रिक गतिविधियों तथा सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवाओं के निर्माण में किया जाता है. यह सांप गंगा के किनारे वाले क्षेत्रों में पाया जाता है, इसी कारण तस्करों की निगाह इस इलाके पर बनी रहती है.
वन विभाग अब आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि यह नेटवर्क कहां तक फैला है और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं. जांच टीम इस मामले को अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़ा मानकर आगे की कार्रवाई में जुटी है.






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