निरीक्षण के दौरान पाया गया कि न तो वहां प्राक्कलन राशि और कार्य योजना से संबंधित कोई बोर्ड लगा है और न ही निर्माण गुणवत्ता की निगरानी के लिए कोई जिम्मेदार कर्मी मौजूद था.

- बिना कार्य योजना बोर्ड और निगरानी के चल रहा निर्माण, जांच के आदेश
- एसडीएम–एसडीपीओ के लिए बन रहा तीन मंजिला भवन, 8 करोड़ रुपये की लागत
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर में विकास कार्यों की गुणवत्ता को लेकर उठते सवालों के बीच बक्सर सदर एसडीएम के नवनिर्मित कार्यालय भवन का मामला चर्चा में आ गया है. भवन निर्माण कार्य में नियम, मानक और पारदर्शिता की अनदेखी का आरोप उस समय सामने आया, जब अनुमंडल पदाधिकारी ने स्वयं निर्माण स्थल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि न तो वहां प्राक्कलन राशि और कार्य योजना से संबंधित कोई बोर्ड लगा है और न ही निर्माण गुणवत्ता की निगरानी के लिए कोई जिम्मेदार कर्मी मौजूद था. इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एसडीएम ने भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.
बताया जा रहा है कि जिस स्थल पर नया भवन बन रहा है, वहां पूर्व में एसपी कार्यालय संचालित होता था. पुराने भवन को ध्वस्त करने के बाद करीब आठ फीट गहरी खुदाई कर कई महीनों से निर्माण कार्य जारी है, लेकिन अब तक कार्य योजना बोर्ड नहीं लगाया गया है. निर्माण से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित नहीं होने के कारण कार्य की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
दरअसल, जिला मुख्यालय में प्रशासनिक व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से यह नया तीन मंजिला भवन बनाया जा रहा है, जिसमें एसडीएम और एसडीपीओ दोनों के कार्यालय एक ही परिसर में होंगे. इससे विधि-व्यवस्था, समन्वय और आम लोगों की सुविधा में सुधार की उम्मीद है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस भवन का शिलान्यास किया था. इस परियोजना पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही जा रही है.
वर्तमान में एसडीएम और एसडीपीओ कार्यालय अलग-अलग स्थानों पर संचालित हैं, जिससे समन्वय में दिक्कत होती है. नया भवन तैयार होने के बाद दूर-दराज से आने वाले लोगों को भी दोनों अधिकारियों से एक ही जगह मिलने की सुविधा होगी, साथ ही स्थानाभाव से जूझ रहे कर्मियों को राहत मिलेगी.
कहते हैं अधिकारी :
कार्यपालक अभियंता रूपेश कुमार ने कहा कि निर्माण में गुणवत्ता की कमी की बात गलत है. उन्होंने कई बार स्वयं स्थल पर जाकर जांच की है. हालांकि कार्य योजना का बोर्ड अभी नहीं लगाया गया है, जिसे जल्द ही लगा दिया जाएगा.




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