कोरोना संकट के बीच पीडीएस दुकानदारों ने दी आंदोलन की चेतावनी ..

उन्होंने कहा कि, राज्य खाद्य निगम से अनाज का उठाव कर दुकानदार के पास पहुंचने तक में 2 से 3 किलो खाद्यान्न सामग्री कम हो जाना भी एक गंभीर विषय है, जिसकी जांच सुनिश्चित होनी चाहिए. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि, सरकार यदि मांगों पर विचार नहीं करती तो आगामी 1 मई से पूरे जिले में खाद्यान्न का उठाव नहीं किया जाएगा.

- एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कहा - 1 मई से खाद्यान्न का नहीं करेंगे उठाव
-  पाँच सूत्री मांगों को नहीं मानने पर करेंगे आंदोलन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री को एक पत्र प्रेषित कर उनसे विभिन्न मांगों पर सहमति दिए जाने का अनुरोध किया गया है। एसोसिएशन के जिला सचिव हृदयानंद मिश्रा व वरिष्ठ संगठन मंत्री शिवनारायण यादव के द्वारा ने इस बाबत जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि, सरकार के द्वारा उपभोक्ताओं को निशुल्क अनाज वितरण पर दुकानदारों को कमीशन नहीं दिया जाता है. सरकार को उत्तर प्रदेश की तर्ज पर 70 रुपये प्रति क्विंटल की दर से तत्काल कमीशन प्रदान करने की घोषणा बिहार में भी की जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि, कोरोना जैसी बीमारी में कोई भी डीलर संक्रमित होता है अथवा उसकी मौत होती है तो बिहार सरकार को उसके आश्रित को 25 लाख रुपयों की सहायता राशि मुहैया कराई जानी चाहिए जिसके लिए सरकार डीलरों का बीमा करा सकती है. 

इसके अतिरिक्त उन्होने कहा कि जब सरकार द्वारा मार्च एवं अप्रैल माह का राशन दुकानदार के अंगूठे से निकलवाकर वितरण कराया गया तो फिर मई महीने के लिए राशन का वितरण करने हेतु उपभोक्ताओं के अंगूठे या हस्ताक्षर कराने का आदेश दिया जाना सही नहीं है. इसलिए इस आदेश को वापस लेना चाहिए. इसके अतिरिक्त पूर्व से लंबित सरकारी नौकरी या मानदेय के तौर पर 30 हज़ार रुपये प्रति माह की राशि दिए जाने की लंबित मांगों को भी सरकार को जल्द ही पूरा करना चाहिए. मुफ्त अनाज   वहीं, वितरण के साथ-साथ दुकानदार से लेकर लाभुकों को मास्क एवं सैनिटाइजर मुहैया कराने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि, राज्य खाद्य निगम से अनाज का उठाव कर दुकानदार के पास पहुंचने तक में 2 से 3 किलो खाद्यान्न सामग्री कम हो जाना भी एक गंभीर विषय है, जिसकी जांच सुनिश्चित होनी चाहिए. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि, सरकार यदि मांगों पर विचार नहीं करती तो आगामी 1 मई से पूरे जिले में खाद्यान्न का उठाव नहीं किया जाएगा.














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