रिकॉर्ड बना रहे गर्मी के मौसम में बिजली की दगाबाजी ने किया जीना मुश्किल ..

उन्होंने बिजली अधिकारियों से यह सवाल किया कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि गर्मी के दिनों में है बिजली की पुरानी व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम शुरू होता है. जबकि, बिजली की सर्वाधिक खपत इसी माह में होती है.

- दिन हो या रात बिजली आपूर्ति की बदहाल स्थिति से परेशान है उपभोक्ता
- पांडेय पट्टी में चंदा वसूली कर समस्या को दूर करने का उपभोक्ता कर रहे प्रयास 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां तपिश भरे मौसम में गर्मी लगातार नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है वहीं, दूसरी तरफ बिजली विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी खून के आंसू रुला रही है. दिन हो या रात बिजली कंपनी द्वारा इन दिनों निर्बाध बिजली आपूर्ति के सभी दावों को खोखला साबित करते हुए लोगों को भीषण गर्मी में तपने के लिए मजबूर कर दे रही है. 

उपभोक्ताओं का कहना है कि, बिजली कंपनी हर वर्ष गर्मी के मौसम में कुछ इसी तरह का हाल उपभोक्ताओं का करती है.गर्मी के मौसम में बिजली आपूर्ति की हालत अमूमन हर वर्ष यही होती है. नगर के छोटकी सारीमपुर के रहने वाले के के ओझा बताते हैं कि, तकरीबन 2 वर्ष पूर्व गर्मी के मौसम में ही बिजली के तार बदलने के नाम पर दिन दिन भर बिजली गायब रहती थी वहीं, पिछले वर्ष गर्मी के मौसम में ही इंसुलेटेड वायर लगाने के नाम पर पूरे दिन बिजली गायब रहती और अबकी बार 33 हज़ार वोल्ट के संचरण लाइन के दोहरीकरण की बात की जा रही है. उन्होंने बिजली अधिकारियों से यह सवाल किया कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि गर्मी के दिनों में है बिजली की पुरानी व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम शुरू होता है. जबकि, बिजली की सर्वाधिक खपत इसी माह में होती है.

गोलंबर के समीप रहने वाले अजय राय बताते हैं कि, पिछले कुछ दिनों से बिजली विभाग ने फिर नौटंकी शुरू कर दी है हर दो मिनट पर बिजली ट्रिप कर जा रही है. जिसके कारण गर्मी के तपते मौसम में बुरा हाल हो जा रहा है. चरित्रवन के निवासी राघव पांडेय बताते हैं कि बिजली की हालत खस्ता होने के कारण सभी लोग पूरे दिन परेशानी में गुजारते हैं. वहीं, रात के समय छतों पर सो कर रात गुजारनी पड़ती है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो बच्चों तथा बुजुर्गों की है. 

पांडेय पट्टी में चंदा वसूल कर हो रहा है अर्थिंग लगाने का कार्य:

पांडेय पट्टी के रहने वाले जितेंद्र कुमार बताते हैं कि, कई दिनों से बाधित बिजली आपूर्ति को दुरुस्त कराए जाने के लिए स्थानीय निवासियों के द्वारा विभाग के मैकेनिक के सहयोग से ट्रांसफार्मर के बगल में अर्थिंग लगाने की व्यवस्था की जा रही है. जिसका सारा खर्च उपभोक्ता निर्वहन कर रहे हैं इस कार्य के लिए खर्च होने वाली तकरीबन 10 हज़ार रुपये की राशि के लिए लिए चंदे की वसूली भी की गई है. बताया जा रहा है कि, बिजली विभाग की तरफ से केवल 10 फीट अर्थिंग देने का प्रावधान है. जबकि इतनी कम गहराई से अर्थिंग देने के कारण वोल्टेज के एकाएक बेहद कम हो जाने तथा एकाएक तेज हो जाने की समस्या बनी रहती है. जिससे कि, कई उपभोक्ताओं के घरों के उपकरण भी जलकर राख हो जाते हैं. ऐसे में 40 से 50 फीट की गहराई का का अर्थिंग लगवाने का प्रयास उपभोक्ता कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि, बिजली विभाग केवल बिल लेने से मतलब रखता है तकरीबन 7 साल पूर्व उन्होंने बिजली का कनेक्शन लिया था लेकिन, अब तक उनके दरवाजे के पास बिजली का खंभा तक नहीं पहुंच सका है. ऐसे में काफी दूर से उन्हें बांस आदि के सहारे अपने घरों तक विद्युत आपूर्ति का तार लाना पड़ा है. यह तार कभी भी खतरनाक हो सकता है लेकिन कई बार कहे जाने पर भी अधिकारियों द्वारा खंभे नहीं लगाए गए.

कहते हैं अधिकारी:

जिला मुख्यालय स्थित चरित्रवन पॉवर सब-स्टेशन से औद्योगिक पीएसएस के बीच 33 हजार संचरण लाइन का दोहरीकरण किया जा रहा है जिससे ग्रिड और चरित्रवन पीएसएस के बीच 33 हजार वोल्ट के मुख्य तार में फॉल्ट आने के बाद भी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शहर में बिजली की आपूर्ति बनी रहेगी. दो पॉवर उपकेंद्रों के बीच डबल सर्किट वायर कंडक्टर देने का यह कार्य गुरुवार तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. वहीं, पांडेय पट्टी में चंदा वसूली कर अर्थिंग का तार लगाए जाने की बात सामने आई है. अगर ऐसा करने वालों के विषय में जानकारी होगी तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी.

सन्नी कुमार, 
कार्यपालक अभियंता,
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड












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