अल्लाह के बंदों तथा भगवान के पुजारियों के बीच साबित ख़िदमत फॉउंडेशन ने पहुंचाई मदद ..

पत्रकारों से बातचीत करते हुए साबित रोहतासवी ने बताया कि संस्था लॉक डाउन की इस विकट परिस्थिति में हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाना चाहती है. तमाम कारणों से ऐसा संभव नहीं हो पाता लेकिन, जो भी जितना भी उनसे संभव होता है, वह समाज की सेवा के लिए कृत संकल्पित रहते हैं.

- 40 रोजेदारों के साथ-साथ मंदिर के पुजारियों को भी पहुंचाई गई मदद
- रिश्तेदारों  के द्वारा तिरस्कृत सोहनी पट्टी की रहने वाली महिला को भी दिया सहारा


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जन सेवा में लगातार सक्रिय साबित खिदमत फाउंडेशन के द्वारा एक बार फिर समाज के लोगों के समक्ष एक मिसाल पेश करते हुए तथा जातिगत भेदभाव के जहर से समाज को दूर करने की कोशिश के तहत रमजान के पाक महीने में रोजा रख रहे 40 जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने के साथ-साथ मंदिरों के के पुजारियों के बीच सहायता स्वरूप राशन तथा आर्थिक मदद पहुंचाई. मदद पाकर जहां अकीदतमंदों ने साबित खिदमत फाउंडेशन की इस पहल की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया वही मंदिर के पुजारियों ने भी मदद के द्वारा गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखने की इस पहल पर संस्था के सचिव साबित रोहतासवी को धन्यवाद ज्ञापित किया. 


मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए साबित रोहतासवी ने बताया कि संस्था लॉक डाउन की इस विकट परिस्थिति में हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाना चाहती है. तमाम कारणों से ऐसा संभव नहीं हो पाता लेकिन, जो भी जितना भी उनसे संभव होता है, वह समाज की सेवा के लिए कृत संकल्पित रहते हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर, मस्जिद, पूजा अथवा इबादत सब एक ही ईश्वर या अल्लाह के प्रति आपकी श्रद्धा प्रदर्शित करती है. लेकिन, सच्ची पूजा अथवा इबादत वही है जो किसी जरूरतमंद को मदद कर की गई हो. 

उन्होंने बताया कि रविवार को नगर थाना क्षेत्र के सोहनी पट्टी की रहने वाली एक जरूरतमंद महिला को फाउंडेशन के द्वारा आसरा भी दिया गया है. दरअसल, लॉक डाउन हो जाने के कारण वह काफी दिनों से अपने रिश्तेदारों के यहाँ रह रही थी. लेकिन, अब रिश्तेदार उसे रखने से मना करने लगे. जिसके बाद नगर थानाध्यक्ष के द्वारा जानकारी मिलने के बाद उसे फाउंडेशन द्वारा आसरा दिया गया है.














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