बड़ी खबर: नगर परिषद में सामने आया 31.60 लाख रुपये का होल्डिंग टैक्स घोटाला ..

होल्डिंग टैक्स के रूप में जिस राशि की वसूली की गई है उसकी रसीद तो प्रदान कर दी गई है लेकिन, प्राप्त राशि का संधारण किसी भी पंजी में नहीं किया गया है. नियमानुसार पैसा प्राप्त करने के बाद उसे नगर परिषद के बैंक ऑफ इंडिया में खोले गए खाते में जमा करना होता है. 

- त्रिसदस्यीय समिति ने सौंपी जांच की रिपोर्ट, कार्यपालक सहायक तथा तात्कालीन कर दारोगा पाए गए दोषी
- मुख्य पार्षद माया देवी ने उजागर किया मामला, सशक्त समिति करेगी मामले को लेकर बैठक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर परिषद के कर्मियों तथा अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों रुपए के होल्डिंग टैक्स की राशि का गबन कर लिए जाने का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद आनन-फानन में एक त्रिस्तरीय जांच समिति के द्वारा मामले की जांच की गई तथा उसका प्रतिवेदन कार्यपालक पदाधिकारी को समर्पित किया गया. बताया जा रहा है कि मामला नगर परिषद की मुख्य पार्षद माया देवी के द्वारा प्रकाश में लाया गया है. बताया जा रहा है कि जल्द ही सशक्त समिति की बैठक कर आगे की कार्यवाही की जाएगी. इस तरह का मामला सामने आने के बाद नगर परिषद कर्मियों व अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है.

इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मामले में वर्तमान में नगर परिषद कार्यालय में कार्य कर रहे कार्यपालक सहायक आशुतोष कुमार सिंह तथा एक पूर्व कर दारोगा का नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि यह गबन 1 सितंबर 2016 से 30 सितंबर 2018 तक ऑनलाइन तथा ऑफलाइन मोड में लिए गए होल्डिंग टैक्स की राशि में किया गया है.

मुख्य पार्षद ने किया है मामले का पर्दाफाश:

बताया जा रहा है कि मुख्य पार्षद माया देवी के द्वारा इस गबन का पर्दाफाश किया गया तथा इसकी सूचना कार्यपालक पदाधिकारी को प्रदान की गई. जिसके बाद आनन-फानन में सहायक कर दारोगा, लेखापाल तथा प्रधान सहायक की त्रिसदस्यीय टीम ने अपनी जांच कर जांच प्रतिवेदन कार्यपालक पदाधिकारी के सुपुर्द किया है.

जाँच में दोषी पाए गए हैं कार्यपालक सहायक व कर दारोगा:

जाँच रिपोर्ट में बताया गया है कि नगर परिषद के तात्कालीन कर दारोगा व कार्यपालक सहायक के द्वारा होल्डिंग टैक्स के रूप में कुल 60 लाख 81 हज़ार 686 रुपयों की वसूली की गई. जिसमें 31 लाख 60 हज़ार 740 रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा है. माना जा रहा है कि दोनों की मिलीभगत से उक्त राशि का गबन कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि होल्डिंग टैक्स के रूप में जिस राशि की वसूली की गई है उसकी रसीद तो प्रदान कर दी गई है लेकिन, प्राप्त राशि का संधारण किसी भी पंजी में नहीं किया गया है. नियमानुसार पैसा प्राप्त करने के बाद उसे नगर परिषद के बैंक ऑफ इंडिया में खोले गए खाते में जमा करना होता है. लेकिन, राशि की वसूली के बाद ना तो नियमित रूप से पंजी का संधारण किया गया और ना ही राशि को खाते में जमा कराया गया.

दिवंगत हो चुके हैं तात्कालीन कर दरोगा, कार्यपालक सहायक से होगी पूछताछ:

बताया जा रहा है कि इस कारस्तानी में शामिल तात्कालीन कर दरोगा अब दिवंगत हो चुके हैं. ऐसे में उनके द्वारा संधारित पंजियों का अवलोकन करने पर भी उक्त राशि के विषय में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. वहीं, दूसरी तरफ गबन का मामला प्रकाश में आने के बाद कार्यपालक सहायक आशुतोष कुमार सिंह की यूज़र आईडी एवं पासवर्ड को बंद कर दिया गया था लेकिन, कुछ दिनों के बाद उसे पुनः खोल दिया गया है. बताया जा रहा है कि सशक्त समिति की बैठक के बाद कार्यपालक सहायक से पूछताछ तथा उनके विरुद्ध कार्रवाई के संदर्भ में कोई निर्णय लिया जाएगा.

कहते हैं अधिकारी:
इस तरह का मामला सामने आया है लेकिन, जांच समिति के द्वारा कोई प्रतिवेदन अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है. जैसे ही प्रतिवेदन प्राप्त होता है उसके आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
सुजीत कुमार
कार्यपालक पदाधिकारी,
नगर परिषद











Post a Comment

0 Comments