अनुमंडल कर्मी के निधन पर जिलाधिकारी समेत प्रशासनिक कर्मियों ने जताया शोक ..

सभी लोगों ने मृतात्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर अपने शोक संवेदनाएं व्यक्त की. सबने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करने के साथ ही परिजनों को साहस प्रदान करने की कामना की

- शोक सभा का आयोजन कर कार्यों को किया स्थगित
- सभी ने मृत कर्मी को बताया कर्मठ व मिलनसार, मृत्यु को बताया दुखद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अनुमंडल कर्मी राजीव रंजन सिंह के आकस्मिक निधन के बाद साथी कर्मियों के साथ-साथ जिला पदाधिकारी अमन समीर, उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय समेत सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी रोहित कुमार मिश्रा, अंचलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह, आत्मा के परियोजना निदेशक देवनंदन राम समेत विभिन्न विभागों के कर्मियों तथा अधिकारियों ने शोक व्यक्त किया. समाहरणालय अनुमंडल कार्यालय तथा प्रखंड व अंचल कार्यालय में शोक सभा का आयोजन किया गया था. सभी ने मृतात्मा को नमन करते हुए कार्य से विरत रहने का फैसला किया. जिसके बाद सभी कार्यालय में काम काज बंद रहा.

उनको याद करते हुए कर्मियों तथा अधिकारियों ने मृत कर्मी को एक कर्मठ एवं जिंदादिल आदमी बताते हुए कहा कि बक्सर प्रखंड कार्यालय, डुमराव प्रखंड कार्यालय समेत जिले के विभिन्न विभागों तथा वर्तमान में अनुमंडल कार्यालय में कार्य करने के दौरान कभी ऐसा समय नहीं आया जब किसी साथी कर्मी के साथ उनका कोई मनमुटाव अथवा किसी प्रकार का द्वेष रहा हो. वह सबसे प्रेम से ही मिलते थे तथा वह काम के प्रति भी सदैव समर्पित रहा करते थे. जिस वक्त उनकी मौत हुई वह काम खत्म कर अपने घर की तरफ लौट रहे थे. सभी लोगों ने मृतात्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर अपने शोक संवेदनाएं व्यक्त की. सबने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करने के साथ ही परिजनों को साहस प्रदान करने की कामना की.

अनुमंडल कार्यालय में कार्यरत होने के कारण अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने अपने शोक संदेश में कहा कि उनके जैसे ऊर्जावान तथा जिंदादिल इंसान के अचानक से हम सबके बीच से चले जाना एक ऐसी रिक्ति पैदा कर गया है. जिसे भर पाना मुश्किल है. उन्होंने परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की. बता दें कि अनुमंडल में लिपिक सह पेशकार राजीव रंजन सिंह की मृत्यु नगर के ज्योति प्रकाश चौक पर रविवार की संध्या 5:00 बजे हो गई थी. अनुमान लगाया जा रहा है कि मृत्यु का कारण हृदय गति का रुकना है.











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