ऐसे में एक चाय दुकानदार के संक्रमित हो जाने के बाद संक्रमण का दायरा इतना लंबा हो गया है कि इसका पता लगाना बेहद मुश्किल कार्य है. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा चाय दुकानदार के घर के इलाके वार्ड संख्या 19 के अंतर्गत चतुरशाल गंज को सील कराया गया. लेकिन, अनुमंडल न्यायालय अथवा अनुमंडल कार्यालय इलाके में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई.
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अनुमंडल न्यायालय में हो रहा सैनिटाइजेशन |
- अधिवक्ता संघ के सचिव ने अवर न्यायाधीश प्रथम को लिखा पत्र कहा लिए जाए सुरक्षात्मक फैसले
- पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में लिया जा सकता है न्यायिक गतिविधियों को बंद किए जाने का फैसला
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमरांव अनुमंडल न्यायालय के समीप चाय दुकानदार के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी सामने आने के बाद अनुमंडल न्यायालय अनुमंडल कार्यालय एवं आसपास के इलाकों में हड़कंप का माहौल कायम हो गया है. बताया जा रहा है कि जो चाय दुकानदार अनुमंडल न्यायालय के द्वार के समीप अपनी चाय दुकान लगाते हैं. उनके यहां चाय पीने वालों में अधिवक्ता मुवक्किल एवं कई न्यायिक पदाधिकारी भी शामिल हैं. ना सिर्फ चाय बल्कि, उसकी दुकान पर बनी लिट्टी एवं सब्जी खाने वाले लोगों की भी संख्या काफी ज्यादा है. बताया जा रहा है कि वही चाय दुकानदार बीएमपी आदि में भी अपनी सेवाएं देते हैं. ऐसे में एक चाय दुकानदार के संक्रमित हो जाने के बाद संक्रमण का दायरा इतना लंबा हो गया है कि इसका पता लगाना बेहद मुश्किल कार्य है. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा चाय दुकानदार के घर के इलाके वार्ड संख्या 19 के अंतर्गत चतुरशाल गंज को सील कराया गया. लेकिन, अनुमंडल न्यायालय अथवा अनुमंडल कार्यालय इलाके में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई.
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चाय दुकानदार के घर को सील कराते अधिकारी |
शुक्रवार को अनुमंडल न्यायालय खुलने के बाद जो लोग भी न्यायिक कार्यो को निपटाने के लिए वहां पहुंचे थे सभी के जुबान पर बस एक ही बात थी कि सभी किसी न किसी प्रकार चाय दुकानदार के संपर्क में आए हैं. हालांकि, प्रशासन के द्वारा अनुमंडल न्यायालय एवं अनुमंडल कार्यालय को सैनिटाइज तो कराया गया लेकिन अधिवक्ताओं तथा न्यायिक कर्मियों के मन के भय को दूर नहीं किया जा सका. अधिवक्ता संघ के सचिव पृथ्वी नाथ शर्मा ने अनुमंडल न्यायालय के अवर न्यायाधीश प्रथम बृज किशोर सिंह को आवेदन देकर यह कहा है कि कोरोना का पॉजिटिव केस न्यायालय के द्वार पर ही पाया गया है. अतः आगे की सुरक्षात्मक कार्रवाई की जाए.
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इलाके को सील कराते हुए अनुमंडल अधिकारी व अन्य |
अवर न्यायाधीश प्रथम के द्वारा उनके आवेदन को न्यायाधीश ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिंद्रनाथ के यहां अग्रसारित कर दिया गया. बताया जा रहा है कि जिला सत्र न्यायाधीश के द्वारा महासचिव के पत्र को पटना उच्च न्यायालय भेजा जाएगा, जहां से प्राप्त आदेश के आलोक में न्यायालय को बंद करने संबंधी निर्णय लिए जा सकते हैं.
सैनिटाइजेशन की नहीं है बेहतर व्यवस्था:
अनुमंडल न्यायालय के अधिवक्ता बताते हैं कि न्यायालय में सैनिटाइजेशन आदि की व्यवस्था नहीं है शौचालय आदि की गंदगी ऐसी है जो संक्रमण की आशंका को और भी बढ़ा देगी. ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के मद्देनजर तमाम सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जाने की आवश्यकता है.
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