मुख्यमंत्री ने बताई संक्रमण काल में सरकार की उपलब्धियां, पठन-पाठन के लिए खाली किए जाएंगे विद्यालय ..

मुख्यमंत्री ने बताया कि, वर्तमान में राज्य की स्थिति अन्य प्रभावित राज्यों से बेहतर है. लॉक डाउन की स्थिति हमेशा नहीं रह सकती. इसीलिए अब सतर्कता में ही बचाव है. इसके लिए सभी बिहारवासियों से मास्क पहनने का अनुरोध किया गया. साथ ही अपने आस पास साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखने को कहा गया. 

- पंचायत, नगर निकायों के प्रतिनिधियों तथा अधिकारियों का किया संबोधन
- कोरोना उन्मूलन के लिए सतर्क रहने की मुख्यमंत्री ने सभी से की अपील

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए राज्य के सभी जनप्रतिनिधिगणों, पदाधिकारियों, कर्मीगणों एवं जीविका की दीदियों को सम्बोधित किया. सम्बोधन का मुख्य उद्देश्य कोरोना उन्मूलन हेतु जागरूकता कार्यक्रम में त्रि-स्तरीय पंचायती राज एवं नगर निकायों के जन प्रतिनिधियों तथा अन्य हितधारियों के साथ संवाद करना. इस दौरान कोरोना संक्रमण काल में सरकार की उपलब्धियों पर भी चर्चा की गई. समाहरणालय सभागार में डीएम-एसपी के साथ-साथ नगर परिषद की मुख्य पार्षद माया देवी मौजूद रही. इसके अतिरिक्त नगर परिषद कार्यालय में सभी वार्ड पार्षद तथा प्रखंड कार्यालयों में भी प्रखंड कर्मी एवं अन्य लोग मौजूद रहे. जिन्होंने मुख्यमंत्री के संबोधन सीधा प्रसारण देखा.
संबोधन सुनते डीएम और एसपी


मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई शुरु किए जाने के चलते 15 जून 2020 से विद्यालयों में बने क्वॉरेंटाइन केन्द्रों को बंद कर दिया जाएगा. अब होम क्वॉरेंटाइन में रहने वालों को पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर जाँच की जाएगी. उन्होंने बताया कि, राज्य में अभी तक 13,796 आइसोलेशन बेड तैयार हैं. कुल 40 हज़ार आइसोलेशन बेड तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है. पूरे राज्य में तीन कोविड स्पेशल अस्पताल तैयार करवाया गया है. इसमें एक एन.एम.सी.एच. पटना, दूसरा भागलपुर अवस्थित जवाहर लाल नेहरू अस्पताल एवं तीसरा गया में अवस्थित है. इन तीनों अस्पतालों में कोरोना वायरस के संक्रमण से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों का इलाज किया जाता है. इन तीनो अस्पतालों में कुल 2,344 बेड की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने कहा कि, पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने की. तब से लेकर पाँच चरणों में लॉक डाउन किया गया है. लॉक डाउन के दौरान राज्य स्तर पर प्रतिदिन स्थिति की लगातार समीक्षा की जाती रही. लगातार सभी जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से समीक्षा की जाती रही एवं दिशा-निर्देश दिए जाते रहे. लॉक डाउन के शुरूआती दौर में बिहार से बाहर के राज्यों में कार्य करने वाले कामगारों से लगातार फोन के जरिए सम्पर्क किया जाता रहा एवं उनकी समस्याओं के समाधान हेतु प्रयास किया गया. कामगारों के उनके घर वापस आने की इच्छा को देखते हुए भारत सरकार से रेलवे की व्यवस्था सुनिश्चित की गई. उनके खातों में 1000 रूपया भी भेजा गया. रेल से आज भी लोग अपने-अपने घरों के लिए पहुँच रहे हैं. 
मुख्यमंत्री का संबोधन सुनते जिले के तमाम अधिकारी

राशनकार्ड धारियों एवं चिन्हित परिवारों की संख्या कुल संख्या 1 करोड़ 62 लाख है. इन सबों के खाता में 1000 रूपया प्रति कार्डधारियों के दर से 1 हजार 620 करोड़ रूपया हस्तांतरित किया गया है. कुल 21 लाख चिन्हित परिवारों का नया राशन कार्ड बनाने का कार्य चल रहा है. राज्य के कुल 85 लाख पेंशनधारियों के खाते में तीन महीने की अग्रिम पेंशन के रूप में 1017 करोड़ हस्तांतरित की गई है. राज्य के विद्यालयों के विद्यार्थियों के साइकिल, पोशाक मद में कुल 3261 करोड़ हस्तांतरित किया गया. विभिन्न जिलों में बनाए गए राहत आपदा केन्द्र से 74 हज़ार लोग प्रतिदिन लाभान्वित हुए. 180 करोड़ का कोरोना उन्मूलन कोष को भी बनाए जाने की जानकारी दी गई. एक कामगार के 14 दिन कोरोनटीन केन्द्र में रखने का कुल खर्च 5,300 रूपया होने की जानकारी दी गई. 


वर्तमान स्थिति की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि, वर्तमान में राज्य की स्थिति अन्य प्रभावित राज्यों से बेहतर है. लॉक डाउन की स्थिति हमेशा नहीं रह सकती. इसीलिए अब सतर्कता में ही बचाव है. इसके लिए सभी बिहारवासियों से मास्क पहनने का अनुरोध किया गया. साथ ही अपने आस पास साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखने को कहा गया. उपस्थित सभी जन प्रतिनिधिगणों को अपने-अपने क्षेत्रों में मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखने की महतव को समझाने का अनुरोध भी किया गया. प्रशासन के द्वारा भी लाऊडस्पीकर, पोस्टर, रेडियो एवं टेलीविजन के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. बाहर के राज्यों से आए बिहारवासी मजदूर भाईयों के रोजगार की व्यवस्था हेतु सभी विभाग सक्रिय है. इसके लिए नयी उद्योग नीति पर काम चल रहा है. मनरेगा एवं जल जीवन हरियाली कार्यक्रम में लोगों को काम दिया जा रहा है. कामगारों की स्किल मैंपिग की जा रही है. सबों को उनके हुनर के अनुसार कार्य दिया जाएगा. संबोधन के अंत में मुख्यमंत्री ने सभी को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया गया.











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