स्वास्थ्य उपनिदेशक ने किया जेलों का निरीक्षण, कोरोना को लेकर सतर्कता की जताई आवश्यकता ..


 बाहर से आने वाले कैदियों को थर्मल स्क्रीनिंग के पश्चात उच्च सुरक्षा कक्ष में 14 दिन रखने के बाद भी उन्हें अन्य कैदियों के साथ भेजा जाता है. इसके अतिरिक्त कैदियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर आगंतुक कक्ष तथा मुक्त कारागार के सामुदायिक भवन को भी चयनित कर उन्हें कैदियों के रखने लायक बनाया गया है.

- केंद्रीय कारा में स्वास्थ्य व्यवस्था तथा दवाओं की उपलब्धता की भी ली जानकारी
- अन्य जेलों के भी स्वास्थ्य व्यवस्थ का अपनी आंखों से देखा हाल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार सरकार के कारा निरीक्षण आलय के स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार सिन्हा ने बुधवार को केंद्रीय कारा समेत सभी जेलों में स्वास्थ्य की व्यवस्था कोरोना वायरस संबंधी सतर्कता तथा इससे बचाव के किए जा रहे उपायों एवं अस्पतालों की व्यवस्था दवाओं की उपलब्धता तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में जेल प्रशासन के स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की. वह सुबह 10:00 बजे पहुंचे तथा संध्या 5:00 तक केंद्रीय कारा मुक्त कारागार तथा महिला कारागार का निरीक्षण किया. उप स्वास्थ्य निदेशक के साथ कारा अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा, उपाधीक्षक सतीश कुमार सिंह, केंद्रीय कारा अस्पताल के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमरेंद्र आनंद चिकित्सक डॉ. मुकेश कुमार, मुक्त कारागार के चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार तथा महिला कारागार के चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार राय मौजूद रहे.

निरीक्षण के क्रम में स्वास्थ्य उपनिदेशक ने कैदियों से बातचीत की तथा कोरोना संक्रमण को लेकर साफ सफाई मास्क पहनने की जरूरत एवं अन्य स्वास्थ्य समस्याओं पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी तथा अन्य चिकित्सकों को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए निर्देशित किया. इस दौरान कारा अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि, कारा प्रशासन कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तमाम तरह के उपाय कर रहा है. बाहर से आने वाले कैदियों को थर्मल स्क्रीनिंग के पश्चात उच्च सुरक्षा कक्ष में 14 दिन रखने के बाद भी उन्हें अन्य कैदियों के साथ भेजा जाता है. इसके अतिरिक्त कैदियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर आगंतुक कक्ष तथा मुक्त कारागार के सामुदायिक भवन को भी चयनित कर उन्हें कैदियों के रखने लायक बनाया गया है.











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