परित्यक्त बच्चे को सीडब्ल्यूसी ने भेजा दत्तक ग्रहण संस्थान, आंगनबाड़ी सेविका को बर्खास्त करने की डीएम से की मांग ..

कहना है कि आंगनबाड़ी सेविका को उनके क्षेत्र में सब रजिस्टार का दायित्व मिला हुआ है. ऐसे में उनके द्वारा इस तरह का फर्जीवाड़ा किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने संभावना जताई कि जिले में अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच कराए जाने की आवश्यकता है. हो सकता है बच्चों की तस्करी आदि में भी अन्य आंगनबाड़ी सेविकाएं इसी तरह का फर्जीवाड़ा कर सहायता करती हो.

- बाल कल्याण समिति के द्वारा आंगनबाड़ी सेविका को बर्खास्त किए जाने की हुई अनुशंसा
- सदस्य ने कहा, जिले के हर आंगनबाड़ी केंद्र की होनी चाहिए जांच

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: परित्यक्त नवजात बच्चे को लौटाने के दौरान उसके संरक्षकों तथा उनके समर्थकों के द्वारा भारी हंगामा किए जाने के बाद आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा के द्वारा काफ़ी समझाएं बुझाए जाने के बाद आखिरकार छह माह से बच्चे का संरक्षण कर रहे राजपुर प्रखंड के बन्नी पंचायत के कटरियां गाँव निवासी नंदजी राम तथा उनकी पत्नी बिंदा देवी ने सोमवार की देर शाम परित्यक्त बच्चे को पुलिस को सौंप दिया। जिसे फिर बाल कल्याण समिति के हवाले किया गया। बाद में समिति के द्वारा बच्चे को दत्तक ग्रहण संस्थान कैमूर भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस घटनाक्रम के बाद सीडब्ल्यूसी के द्वारा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाली आंगनबाड़ी सेविका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराए जाने तथा उसे बर्खास्त किए जाने के लिए जिला पदाधिकारी से अनुशंसा भी की गई है.

दरअसल, राजपुर प्रखंड के बन्नी पंचायत के कटारिया गाँव में पिछले वर्ष दिसंबर माह की 25 तारीख को सड़क के किनारे फेंका एक नवजात बरामद किया गया था. स्थानीय लोगों द्वारा इस बात की सूचना चाइल्ड लाइन को दी गई. हालांकि, चाइल्डलाइन के द्वारा मौके पर पहुंचने पर ज्ञात हुआ कि स्थानीय निवासी नंद जी राम ने उस बच्चे को अपने पास रख लिया है. बाद में बच्चे को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कराए जाने हेतु कई बार थाने को पत्र लिखा गया लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसी बीच बाल कल्याण समिति के नए पदाधिकारियों ने इस संदर्भ में एसपी से बात की जिसके बाद एसपी के पहल पर बच्चे को सोमवार की देर शाम उनके सुपुर्द कराया गया. हालांकि, इसके पूर्व बाल कल्याण समिति के कार्यालय पर काफी हंगामा हुआ था.

इस संदर्भ में मंगलवार को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक कर समिति के सदस्य डॉ शशांक शेखर, योगिता सिंह तथा नवीन कुमार के द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र जिला पदाधिकारी बाल संरक्षण पदाधिकारी, आई सी डी एस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सौंपा गया. जिसमें कटरियां गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 94 की सेविका शांति देवी की जन्म प्रमाण पत्र पंजी को ज़ब्त कर जांच करने तथा सेविका को बर्खास्त करने की मांग की गई है.

क्या बाल तस्करी में शामिल हैं आंगनबाड़ी सेविकाएं? सीडब्ल्यूसी सदस्य ने उठाए सवाल:

इस संदर्भ में बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ शशांक शेखर का कहना है कि आंगनबाड़ी सेविका को उनके क्षेत्र में सब रजिस्टार का दायित्व मिला हुआ है. ऐसे में उनके द्वारा इस तरह का फर्जीवाड़ा किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने संभावना जताई कि जिले में अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच कराए जाने की आवश्यकता है. हो सकता है बच्चों की तस्करी आदि में भी अन्य आंगनबाड़ी सेविकाएं इसी तरह का फर्जीवाड़ा कर सहायता करती हो.











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