सिंचाई की समस्या से त्रस्त किसानों के लिए वरदान साबित होगी खेत पोखरी ..

शुरुआत के दिनों में खरीफ की फसलें बहुत अच्छी रहती हैं लेकिन, अंतिम समय में वर्षा ना होने के कारण सिंचाई के अभाव में इन्हें काफी नुकसान हो जाता है. वहीं रबी की फसल की बुआई के दौरान नमी की कमी होने के कारण भी बुआई प्रभावित होती है. ऐसे में खेत पोखरी किसानों के लिए बेहद कारगर साबित होगी.
सिमरी प्रखंड के काजीपुर पंचायत में खेत पोखरी का निर्माण करते श्रमिक

- वर्षा के जल का संचयन कर खेती के लिए पानी की कमी दूर करेंगे किसान
- मनरेगा के तहत युद्ध स्तर पर किया जा रहा खेत पोखरी का निर्माण

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा मनरेगा के तहत जिले में खेत पोखरी का निर्माण कराया जाना है. बताया जा रहा है कि, खेत पोखरी के निर्माण का उद्देश्य है कि किसानों को सिंचाई में होने वाली समस्याओं से निदान दिलाया जा सके. इस योजना के अंतर्गत जिले के सैकड़ों किसानों के द्वारा अपने खेतों में खेत पोखरी का निर्माण कराया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस पोखर में वर्षा के जल का संग्रहण किया जाएगा जिसका उपयोग आवश्यकतानुसार सिंचाई के लिए किया जाएगा.

प्रायः ऐसा होता है कि शुरुआत के दिनों में खरीफ की फसलें बहुत अच्छी रहती हैं लेकिन, अंतिम समय में वर्षा ना होने के कारण सिंचाई के अभाव में इन्हें काफी नुकसान हो जाता है. वहीं रबी की फसल की बुआई के दौरान नमी की कमी होने के कारण भी बुआई प्रभावित होती है. ऐसे में खेत पोखरी किसानों के लिए बेहद कारगर साबित होगी.

400 से ज्यादा किसान करा रहे हैं खेत पोखरी का निर्माण:

जिले में कुल 428 किसानों के द्वारा उनकी निजी भूमि पर खेती पोखरी का निर्माण किया जाना है. बताया जा रहा है कि उनमें से 130 में काम भी शुरू हो गया है. उम्मीद है कि उनका निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा. बताया जा रहा है कि इस संदर्भ में उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार द्वारा बैठक के दौरान मनरेगा कर्मियों को कार्य जल्द से जल्द पूरा करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

ग्रामीण विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मनरेगा द्वारा बनाए जाने वाली इस खेत पोखरी का क्षेत्रफल एक एकड़ से कम होगा. साथ ही पोखर से जो मिट्टी निकाली जाएगी उसे पोखर के किनारे पर ही रखा जाना है. इसे स्लोप या स्टेप वाइज भी रखा जा सकता है. बताया जा रहा है कि पोखर के निर्माण के बाद कृषि विकास की निरंतरता कायम रहेगी.

कहते हैं अधिकारी:

जल जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत खेत पोखरी का निर्माण कराया जा रहा है. पोखर बनाए जाने से वर्षा के जल के संचयन के साथ-साथ किसानों को खेती में भी काफी लाभ होगा.

अरविंद कुमार,
उप विकास आयुक्त











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