डीएम के पास पहुँची होल्डिंग टैक्स के घोटाले की शिकायत ..

उन्होंने कहा कि दिवंगत कर दरोगा का लिखा हुआ स्पष्ट नहीं होने के कारण वसूली की राशि और बैंक में जमा राशि का अंतर नहीं पता चल पा रहा है. ऐसे में एक बार फिर पूरी पंजी का मिलान किया जाएगा. तब तक स्पष्ट रूप से सात लाख रुपये का जो अंतर दिख रहा है उस राशि को कार्यपालक सहायक से जमा कराया जा रहा है.

- डीएम ने कहा, मामले की जांच करा करेंगे नियमानुसार कार्रवाई
- कार्यपालक पदाधिकारी को 7 लाख रुपये जमा कराए जाने का दिया निर्देश

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर परिषद में हुए 31 लाख 60 हज़ार रुपये के होल्डिंग टैक्स घोटाले की आंच अब नगर परिषद से निकलकर जिला प्रशासन तक पहुंच गई है. इस संदर्भ में पारा विधिक स्वयंसेवक सह समाजसेवी ने जिला पदाधिकारी अमन समीर को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.

पारा विधिक स्वयंसेवक शंकर दयाल वर्मा ने डीएम को दिए अपने आवेदन पत्र में कहा है कि, उन्हें दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित खबर से यह ज्ञात हुआ कि 1 नवंबर 2016 से 30 जून 2018 तक होल्डिंग टैक्स के रूप में वसूली गई 92 लाख 42 हजार 426 रुपये में 31 लाख 60 हज़ार 740 रुपये के होल्डिंग टैक्स की राशि का हेरफेर कर लिया गया है. उन्होंने डीएम से अनुरोध किया कि नगर परिषद क्षेत्र के विकास के लिए जनता से लिया गया एक-एक रुपया सरकारी खजाने में वापस हो तथा दोषी को सजा दी जाए.

कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि दस्तावेजों का मिलान किया जा रहा है. कार्यपालक सहायक आशुतोष कुमार से फिलहाल 7 लाख रुपये को जमा कराने को कहा गया है. कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि कर वसूली की राशि प्रतिदिन बैंक में जमा कराने का प्रावधान है जिसे सख्ती से लागू कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि दिवंगत कर दरोगा का लिखा हुआ स्पष्ट नहीं होने के कारण वसूली की राशि और बैंक में जमा राशि का अंतर नहीं पता चल पा रहा है. ऐसे में एक बार फिर पूरी पंजी का मिलान किया जाएगा. तब तक स्पष्ट रूप से सात लाख रुपये का जो अंतर दिख रहा है उस राशि को कार्यपालक सहायक से जमा कराया जा रहा है.

वहीं, इस संदर्भ में जिला पदाधिकारी से बात करने पर उन्होंने कहा है कि इस प्रकार की किसी भी शिकायत के मिलने पर वह इसकी जाँच अपने स्तर से कराएंगे. ऐसे में जब उनके पास शिकायत पहुंच गई है. तो माना जा रहा है कि मामले की जाँच को लेकर जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा, हो सकता है कि कार्यपालक पदाधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई की जाए.

बता दें कि, नगर परिषद में 1 लाख 60 हज़ार रुपये के होल्डिंग टैक्स की सरकारी राशि के गबन कर लिए जाने का मामला सामने आया है. मामला उजागर होने के बाद नगर परिषद के अधिकारियों तथा कर्मियों के बीच हड़कंप का माहौल है. बताया यह भी जा रहा है कि मामले की लीपापोती करने के भी भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं. जिसके लिए दोबारा मामले की जांच कराए जाने की बात भी कही जा रही है.

कहते हैं अधिकारी:

मामले में शिकायतकर्ता के द्वारा दिया गया आवेदन अभी तक प्राप्त नहीं हो सका है. हो सकता है कि इस आवेदन डाक में दिया गया हो. जैसे ही प्राप्त होता है दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.

अमन समीर
जिला पदाधिकारी











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