15 साल पुराने जंगल राज को याद दिला कर युवाओं को गुमराह नहीं कर सकती सरकार : अभाविप

अगर बिहार सरकार को लगता है कि वह 15 साल पुराने जंगल राज को याद करा कर फिर से छात्र नौजवानों को गुमराह कर सत्ता हासिल कर लेगी तो यह उनकी भूल है. बिहार का युवा सरकार से यह प्रश्न कहता है कि हमारी शिक्षा, रोजगार और हमारी औद्योगिक इकाइयां कहां है?

- अभाविप के द्वारा छात्रों की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रेस वार्ता का किया गया आयोजन
- कहा, दागी कंपनी के द्वारा परीक्षा लिए जाने से जाहिर हो रहा है भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बक्सर के द्वारा छात्रों की विभिन्न समस्याएं एसटीइटी की परीक्षा, हॉस्टल फीस माफी, रूम रेंट माफी समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया जिसके माध्यम से सरकार के समक्ष अपनी बातें रखी.

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक त्रिभुवन पांडेय ने कहा कि अभाविप अपने स्थापना  काल से ही छात्रों की समस्या और उनको शैक्षणिक रोजगार से जोड़ने हेतु संघर्षरत रहा है. परंतु वर्तमान सरकार कोविड-19 की आड़ में  सरकार चोरी-छिपे एसटीइटी की परीक्षा को रद्द करके नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है. 

राज्य सरकार विद्यार्थी परिषद के आंदोलन से घबराकर आनन-फानन में रद्द हुई एसटीइटी परीक्षा को तीन महीने के भीतर लेने की घोषणा तो कर दी है. परंतु रद्द करने हेतु जिस प्रकार की अनियमितता, अराजकता और भ्रष्टाचार उजागर हुए हैं. उनकी सूची जारी करना तो दूर उन पर कार्रवाई न करना सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगाता है.

नगर मंत्री रवि रंजन ने कहा कि बिहार के छात्र कोविड-19 की महामारी के पश्चात प्राइवेट स्कूल संचालकों की शोषण नीति के सामने नतमस्तक होकर अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने को मजबूर हैं इस महामारी में जहां अभिभावक आर्थिक तंगी से मजबूर है. वहीं छात्रों के सामने हॉस्टल फीस, ट्यूशन फीस की समस्या मुंह फैला कर खड़ी है लेकिन बिहार सरकार "रोम जल रहा था और नीरो बंशी बजा रहा था" कि कहावत को चरितार्थ कर रही है. अगर बिहार सरकार को लगता है कि वह 15 साल पुराने जंगल राज को याद करा कर फिर से छात्र नौजवानों को गुमराह कर सत्ता हासिल कर लेगी तो यह उनकी भूल है. बिहार का युवा सरकार से यह प्रश्न कहता है कि हमारी शिक्षा, रोजगार और हमारी औद्योगिक इकाइयां कहां है?

विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारी परिषद के सदस्य सनी सिंह ने कहा कि अभाविप पुनः परीक्षा लेने के निर्णय का स्वागत तो करती है परंतु परीक्षा में पुनः संभावित भ्रष्टाचार की संभावनाओं का विरोध भी करती है. बिहार सरकार जिस बेल्ट्रॉन कंपनी से तीन महीने के भीतर परीक्षाएं लेने का दावा कर रही है उसके खिलाफ पहले से ही पटना हाई कोर्ट में सैकड़ों मामले दर्ज हैं. बेल्ट्रान कंपनी का काला चेहरा मीडिया समेत आम जनमानस से भी छिपा नहीं है फिर भी बिहार सरकार दागी बेल्ट्रान कंपनी के माध्यम से निष्पक्ष परीक्षा का दावा कर रही है यह बात हजम होने वाली नहीं है.

मौके पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य  गजेंद्र विद्यार्थी भी उपस्थित थे.











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