होल्डिंग टैक्स घोटाला: वर्षों से दी गई है लूट की खुली छूट ..

तकरीबन 6 वर्षों से धीरे-धीरे गबन का यह खेल खेला जा रहा है. बताया जा रहा है कि नगर परिषद द्वारा वित्तीय लेनदेन के इस मामले को ऐसे लोगों के हवाले कर दिया गया. जिनका नगर परिषद से कोई लेना-देना ही नहीं. 

- अधिकारियों के संरक्षण में लगातार कार्य कर रहे हैं गैर अधिकृत कर्मी
- कर्मियों की कमी का हवाला देकर लगातार लिया जा रहा है कार्य

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर परिषद में हुए होल्डिंग टैक्स घोटाले में प्रतिदिन नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि टैक्स की राशि के गबन का मामला कोई नया नहीं है. तकरीबन 6 वर्षों से धीरे-धीरे गबन का यह खेल खेला जा रहा है. बताया जा रहा है कि नगर परिषद द्वारा वित्तीय लेनदेन के इस मामले को ऐसे लोगों के हवाले कर दिया गया. जिनका नगर परिषद से कोई लेना-देना ही नहीं. जो लेखापाल राकेश कुमार गुप्ता नगर परिषद में वर्तमान में कार्यरत है. बताया जा रहा है कि उनकी नियुक्ति संविदा पर हुई थी. 11 महीने की संविदा समाप्त होने के पश्चात भी वर्ष 2015 से ही नगर परिषद के अधिकारियों की देखरेख में वह बगैर किसी अधिकार के अभी भी नगर परिषद में कार्यरत है. बताया जा रहा है कि संविदा की अवधि समाप्त होने के पश्चात भी कर्मियों की कमी का हवाला देते हुए कथित तौर पर बोर्ड के निर्णय के आलोक में राकेश कुमार गुप्ता वित्तीय मामलों में हस्तक्षेप तथा उसका पूरा लेखा-जोखा बतौर लेखापाल रख रहे हैं.

इतना ही नहीं संविदा पर कार्यरत कार्यपालक सहायक को भी न सिर्फ कर संग्रह के अधिकार दिए गए हैं बल्कि, उसके नाम से यूजर आईडी तथा पासवर्ड भी जनरेट कर दिया गया है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि जनता के पैसों के लूट की खुली छूट नगर परिषद के द्वारा दे दी गई है.

बंद की गई थी कार्यपालक सहायक की यूजर आइडी, मामला ठंडा पड़ते ही फिर से हुआ शुरु:

बताया जा रहा है की होल्डिंग टैक्स की राशि में 2016 के बाद कई बार हेरफेर का मामला सामने आने के बाद भी नगर परिषद के अधिकारी चेत नहीं रहे हैं. या यूं कहें वह मामले में घोर लापरवाही बरत रहे हैं. ऑडिट रिपोर्ट में जहाँ वित्तीय अनियमितता सामने आने के संबंधित कर संग्रहकर्ताओं को 13 लाख 39 हज़ार रुपये सरकारी खजाने में राशि जमा करने का आदेश दिया था वहीं, एक बार फिर पुनः 31.60 लाख होल्डिंग टैक्स की राशि के हेर फेर का मामला सामने आया. बताया जा रहा है कि इसके बाद तुरंत ही कार्यपालक सहायक आशुतोष कुमार सिंह की यूजर आइडी को बंद कर दिया गया था. लेकिन, मामला ठंडा पड़ते ही पुनः उसकी यूजर आइडी शुरु कर दी गयी. जिसके माध्यम 01.09.19 से 06.06.20 तक उन्होने 12 लाख 84 हज़ार 462 रुपये की होल्डिंग टैक्स की राशि को अपने पास रखा था जिसे आनन-फानन में जमा कराया गया.

गायब हुई होल्डिंग टैक्स की रसीद, सामने आ सकता है और भी बड़ा वित्तीय हेरफेर:

बताया जा रहा है कि वर्ष 2014-2016 की अंकेक्षण रिपोर्ट संख्या के पत्रांक संख्या 5459 की टिप्पणी संख्या 05 में बताया गया है कि होल्डिंग टैक्स की रसीद संख्या 12001 से 12100 तक नप कर्मी संतोष कुमार केशरी को दी गई थी. उक्त संग्रहकर्ता के द्वारा उक्त रसीद को वापस नहीं जमा किया गया है. ऐसे में संग्रहकर्ता द्वारा रसीद के माध्यम से कितनी राशि जमा की गई? इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है. ऐसे में माना जा रहा है कि उस रसीद के माध्यम से भी बड़ा घोटाला हुआ है जो जांच में सामने आ सकता है.

कहते हैं अधिकारी:

नगर परिषद में कर्मियों की कमी है ऐसे में कार्य सुचारू रूप से चलता रहे इसके लिए लेखापाल राकेश कुमार गुप्ता का कार्यकाल आगे बढ़ाया गया है.

सुजीत कुमार
कार्यपालक पदाधिकारी,
नगर परिषद











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