बड़ी खबर: गबन के आरोपी एसएफसी के पूर्व प्रबंधक को किया गया अनिवार्य सेवानिवृत्त ..

पदस्थापन के दौरान 2012-13 में 36 लाख एमटी चावल नहीं जमा कराने, 17 लाख एमटी गेहूँ तथा राजपुर  क्रय केंद्र में 1279 क्विंटल धान सड़ाने जैसे मामलों के सामने आने के बाद भी उक्त खाद्यान्न को वापस जमा नहीं कराने के मद्देनजर कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उन्हें अनिवार्य सेवा मुक्ति दी गई है. 

- 2011 बैच के अधिकारी है आलोक कुमार, वर्तमान में अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, शेरघाटी के रूप में है कार्यरत
- वर्ष 2013 में गबन के मामले को लेकर शुरू हुई थी विभागीय कार्रवाई

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के राज्य खाद्य निगम के प्रबंधक रह चुके तथा वर्तमान में गया जिले के शेरघाटी में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आलोक कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है. उन पर बक्सर जिले में पदस्थापन के दौरान 2012-13 में 36 लाख एमटी चावल नहीं जमा कराने, 17 लाख एमटी गेहूँ तथा राजपुर  क्रय केंद्र में 1279 क्विंटल धान सड़ाने जैसे मामलों के सामने आने के बाद भी उक्त खाद्यान्न को वापस जमा नहीं कराने के मद्देनजर कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उन्हें अनिवार्य सेवा मुक्ति दी गई है. 

सरकार के अवर सचिव शिव महादेव प्रसाद ने जारी अपने आदेश में बताया है कि तमाम जांच तथा कई बार स्पष्टीकरण मांगे जाने पर भी स्पष्ट जवाब नहीं देने के बाद उन पर दोष सिद्ध हुआ. जिसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग से परामर्श के बाद 2011 बैच के पदाधिकारी के विरुद्ध यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि खाद्यान्न को वापस जमा कराए जाने की जिम्मेदारी उन्हीं की थी. लेकिन, उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन सही ढंग से नहीं किया. प्रशासनिक पदाधिकारी पर इस तरह की कार्रवाई होने पर विभागीय हलकों में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि आलोक कुमार का बक्सर में कार्यकाल बेहद चर्चित था.












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