अमित शाह की वर्चुअल रैली के खिलाफ माले ने मनाया विश्वासघात व धिक्कार दिवस ..

कहा कि अमित शाह की वर्चुअल रैली में करोड़ो रुपये खर्च किये जा रहे हैं. जब देश संकट में है लोग मर रहे है, रोजगार का संकट है, ऐसे में भाजपा द्वारा करोड़ो रूपये खर्च कर डिजिटल रैली करने से एक बार फिर भाजपा का जनविरोधी चेहरा उजागर हुआ है. गरीबों -मजदूरों को भूखों मरने की स्थिति में धकेल कर चुनावी रैली कर बिहार सहित पूरे देश के गरीबो-दलितों-मजदूरों के साथ विश्वासघात किया है सरकार ने.

- कहा, संकट के दौर में भी राजनीति कर रही है भाजपा
- बोले नेता, संकट में वर्चुअल रैली कर देश मे हो रही मौतों पर जश्न मना रही है भाजपा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: वामदलों के संयुक्त राज्यव्यापी आह्वान के तहत बक्सर जिले के कई गांव में अमित शाह की वर्चुअल रैली के विरोध में विश्वासघात व धिक्कार दिवस मनाया गया. नेताओं ने कहा कि पूरा देश कोरोना जैसी भयानक महामारी के दौर से गुजर रहा है. लोगो की हो रही लगातार मौतों से पूरा देश दुखी है, भुखमरी की स्थिति आ खड़ी हुई है. देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर हो रही है. ऐसे में भाजपा राजनीति कर रही है. 

नेताओं ने कहा कि अमित शाह की वर्चुअल रैली में करोड़ो रुपये खर्च किये जा रहे हैं. जब देश संकट में है लोग मर रहे है, रोजगार का संकट है, ऐसे में भाजपा द्वारा करोड़ो रूपये खर्च कर डिजिटल रैली करने से एक बार फिर भाजपा का जनविरोधी चेहरा उजागर हुआ है. गरीबों -मजदूरों को भूखों मरने की स्थिति में धकेल कर चुनावी रैली कर बिहार सहित पूरे देश के गरीबो-दलितों-मजदूरों के साथ विश्वासघात किया है सरकार ने. इसलिए धिक्कार है ऐसी सरकार पर. 

माले नेताओ ने गाँव -गाँव मे तख़्ती ले कर प्रदर्शन किया और बुलन्द आवाज में गरीबों मजदूरों ने नारे लगाए. जिसमे मुख्य रूप से 6 माह की अवधि तक प्रति माह प्रति व्यक्ति 10 किलो राशन दिया जाए, भूख-प्यास-दुर्घटना, बीमारी और कवारन्टीन सेंटर के मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने, मनरेगा में बढ़ी हुई मजदूरी के साथ 200 दिन काम देने, शहरी गरीबों के लिए भी रोजगार गारंटी योजना का विस्तार करने, किसानों के केसीसी सहित तमाम कर्ज माफ करने, स्वयं सहायता समूहों के सभी कर्ज माफ करने, तमाम किस्म के फसलों के अनिवार्य खरीद की गारंटी करने की मांग की.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्मपुर में अयोध्या सिंह, विसर्जन राम, वीर बहादुर, डुमराँव में सुकर राम, संजय शर्मा, कन्हैया पासवान सीपीआई नेता शमीम मंसूरी, मो.कमरुद्दीन, नावानगर में हरेन्द्र राम,नीरज कुमार, रामदेव सिंह, नगीना राम, केसठ में ललन प्रसाद, अरमान अंसारी, संजय राम, इटाढ़ी में जगनारायण शर्मा, जितेन्द्र राम इत्यादि शामिल थे.











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