फादर्स डे पर समाजसेवी पिता संग बच्चों ने केक काट कर मनाई खुशियां ..

माता-पिता वह वट वृक्ष हैं जिनके नीचे बच्चे खुद को सदैव सुरक्षित महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि यह देखा जाता है कि बुढ़ापे में जब माता-पिता को बच्चोंकी दरकार होती है. उस समय बच्चे उन्हें भूल जाते हैं. ऐसा करना बिल्कुल गलत है.

- साबित खिदमत फाउंडेशन के फाउंडर मेंबर साबित रोहतासवी ने बच्चों संग मनाया फादर्स डे
- समाज को भी दिया संदेश, कहा- वृद्ध मां बाप की करें सेवा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: समाजसेवी संस्था साबित खिदमत फाउंडेशन के फाउंडर मेंबर साबित रोहतासवी ने फादर्स डे के मौके पर अपने बच्चों के साथ केक काटकर उत्सव मनाया. मौके पर उन्होंने सामाजिक कार्यों में उनका साथ देने के लिए अपने बच्चों का आभार भी जताया. उधर, उनके बच्चों ने भी ऐसा पिता पाकर खुद को धन्य बताया.

मौके पर अपने पिता के नाम पर बनायी गयी सामाजिक संस्था साबित खिदमत फाउंडेशन के संस्थापक तथा संस्था के निदेशक डॉ. दिलशाद आलम ने बताया कि उनके पिता ने जीवन के कई उतार-चढ़ाव झेलते हुए कभी भी बच्चों की परवरिश में कोई कमी नहीं की. पढ़ाई-लिखाई से लेकर हर जरूरी ख्वाहिश उन्होंने पूरी की. ना सिर्फ अपने परिवार तथा बच्चों बल्कि, उन्होंने समाज सेवा में भी वंचितों, मजलूमों, तथा यतीमो की जो मदद की है उससे उनका कद उनके बच्चों की नजर में और भी बड़ा हो गया है. उन्होंने फादर्स डे पर दुनिया के सभी बच्चों से यह अपील करते हुए कहा कि वह अपने वृद्ध माता-पिता की सदैव सेवा करें. क्योंकि, माता-पिता वह वट वृक्ष हैं जिनके नीचे बच्चे खुद को सदैव सुरक्षित महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि यह देखा जाता है कि बुढ़ापे में जब माता-पिता को बच्चों की दरकार होती है. उस समय बच्चे उन्हें भूल जाते हैं. ऐसा करना बिल्कुल गलत है.

साबित रोहतासवी ने बताया कि उन्हें अपने बच्चों पर गर्व है. जो समाज सेवा के कार्यों में सदैव उनकी मदद करते हैं. उन्होंने अपने बड़े पुत्र डॉ. दिलशाद आलम की प्रशंसा करते हुए कहा कि, उनके पुत्र ने ना सिर्फ समाज सेवा के कार्यों में उनकी मदद की बल्कि, उनके नाम पर फॉउंडेशन का निर्माण कर उनके नाम को ही अमर कर दिया. उन्होंने कहा कि वह जिंदगी ही क्या जो किसी के काम ना आए. हर व्यक्ति को चाहिए कि वह समाज के लिए भी अपना योगदान अवश्य दें.











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