चाइना के विरोध में खड़ा हुआ सिटीजन फोरम, शहीद जवानों को नमन कर चीन निर्मित वस्तुओं के बहिष्कार का लिया संकल्प ..

हमारी सेना सीमा पर चीन को मुंह तोड़ जवाब दे रही है. देश की सेना और हमारा राजनैतिक नेतृत्व किसी भी परिस्थिति से निपटने एवं देश की सीमाओं की रक्षा करने में पूर्णत: सक्षम है. जरूरत इस बात की है कि हम सब अपने सेना और सरकार के साथ डटकर खड़े रहे.

- बक्सर सिटीजन फोरम के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए प्रबुद्धजन
- वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य के नेतृत्व में आयोजित  हुआ कार्यक्रम

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  सिटीजन फोरम के द्वारा नगर के बाइपास रोड रोड स्थित एक निजी भवन में भारत-चीन सीमा पर शहीद जवानों को नमन करते एक श्रद्धांजलि सभा तथा चाइनीस सामानों के बहिष्कार के लिए संकल्प सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन वीर कुवँर सिंह विश्वविद्यालय के सिंडीकेट सदस्य डॉ राजेश सिन्हा की अध्यक्षता में किया गया.
                     
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने सर्वप्रथम शहीद जवानों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी. तत्पश्चात उपस्थित सभी लोगों ने चीन निर्मित वस्तुओं का उपयोग ना करने एवं मेड इन चायना सामानों का पूर्णतया बहिष्कार करने का संकल्प लिया. कार्यक्रम के अंत में सैनिकों की आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन रखा गया. 

इस अवसर पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए डॉ राजेश सिन्हा ने कहा कि मेड इन चायना का बहिष्कार, अपने वीर जवानों की शहादत का बदला लेने का कारगर तरीका है. सेना अपने तरीके से बदला लेगी परन्तु, आम जनता बायकॉट मेड ईन चायना के माध्यम से चीन को करारा जबाब दे सकतीहै. हमारी सेना सीमा पर चीन को मुंह तोड़ जवाब दे रही है. देश की सेना और हमारा राजनैतिक नेतृत्व किसी भी परिस्थिति से निपटने एवं देश की सीमाओं की रक्षा करने में पूर्णत: सक्षम है. जरूरत इस बात की है कि हम सब अपने सेना और सरकार के साथ डटकर खड़े रहे.

श्री सिन्हा ने कहा कि सेना के द्वारा चीन को बुलेट से जवाब दिया जा रहा है लेकिन, आम जनता को अपने बटुए की शक्ति से आर्थिक मोर्चे पर चीन को परास्त करने की आवश्यकता है. यदि हम चीन के वस्तुओं का बहिष्कार करते हैं और अपने निजी जीवन में चीन निर्मित वस्तुओं का उपयोग नहीं करते हैं तो चीन को आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान होगा. चीन की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा भारतीय बाजार पर निर्भर है. चीन को केवल सैन्य मोर्चे पर ही नहीं बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी परास्त करके अपने देश के शहीद जवानों की शहादत का बदला लिया जा सकता है. श्री सिन्हा चीन को चेताते हुए कहा कि यह 1962 का भारत नहीं है. 2020 का भारत, नया भारत है जो अपनी सीमाओं की रक्षा करना बखूबी जानता है. आज का भारत शांति का पक्षधर है लेकिन छेड़ने वालो को छोड़ने वाला भारत नहीं है. 

उन्होंने कहा कि चीन भारत भारत की बढ़ती  अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा से बौखला गया है और किसी भी कीमत पर भारत की प्रतिष्ठा को कम करने के लिए आतुर है. लेकिन, चीन को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत किसी भी तरीके और परिस्थिति में अपनी रक्षा करने में सक्षम है और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना भी भारत को बखूबी आता है.
           
उन्होंने कहा कि इस अभियान को सतत चलाकर आम नागरिकों को बायकॉट मेड इन चायना के प्रति जागरूक किया जाएगा.
             
कार्यक्रम में डॉ. राजेश सिन्हा, ज्वाला सैनी, हिरामन राम, राहुल दूबे, नमो नारायण मिश्रा, राजीव वर्मा, ब्रजेश दत्त पाण्डेय, डिम्पल कुमारी, बिन्दू देवी, सोनू पाण्डेय, राकेश कुमार, शिवम कुमार, अंजनी कुमार, मनीष उपाध्याय, प्रिंस कुमार, आदित्य वर्मा, धर्मेन्द्र सहित कई लोग उपस्थित हुए.











Post a Comment

0 Comments