11 बजकर 40 मिनट पर ही इसके कुछ भाग को कटा हुआ देखा था. जो धीरे-धीरे और भी कटते चला गया. उसने बताया कि इसका चमकीला भाग उत्तर की दिशा की ओर से बना हुआ था. कई लोगों ने इसे मोबाइल कैमरे में भी कैद किया.
- धीरे-धीरे गहराता गया अंधेरा, दिन में दिखा शाम का नजारा
- लोगों ने मोबाइल में कैद की चांद की तरह दिख रहे सूर्य की तस्वीरें
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बक्सर में सूर्यग्रहण देखने के लिए लोग रविवार पूर्वाह्न 10 बजकर 20 मिनट से ही घरों के बाहर निकल कर जमा हो गए थे. कोई छत पर खड़ा होकर यह नजारा देखना चाहता था. लेकिन, बादलों की धमाचौकड़ी में सूर्य के साथ लुकाछिपी का खेल जारी था. एक बार 11 बजकर 27 मिनट पर धरा पर सूर्य की किरणें पड़ती दिखाई दी. लेकिन, इसके 5 मिनट बाद ही हौले-हौले सूर्य का प्रकाश मंद पड़ना शुरू हो गया और 12 बजकर 3 मिनट पर अंधेरा गहराना शुरू हो गया. जिसका प्रभाव 12 बजकर 11 मिनट तक बना रहा. इसके बाद आसमान में रोशनी का बढ़ना शुरू हो गया. रोमांचित करने वाले हैं इस नजारे का आनंद बक्सर वासियों ने खूब लिया.
लोगों ने बताया कि सूर्य का दक्षिणी भाग कटा हुआ था और यह चौथ के चांद की माफिक दिख रहा था. लोगों ने एक्सरे-फिल्म की से उन्होंने 11 बजकर 40 मिनट पर ही इसके कुछ भाग को कटा हुआ देखा था. जो धीरे-धीरे और भी कटते चला गया. उसने बताया कि इसका चमकीला भाग उत्तर की दिशा की ओर से बना हुआ था. कई लोगों ने इसे मोबाइल कैमरे में भी कैद किया.
शनिवार की रात से ही ग्रहण के दौरान बंद रहे मंदिरों के पट:
सूर्यग्रहण को लेकर मंदिरों का पट शनिवार की रात्रि शयन आरती के बाद से ही बंद कर दिया गया था. जो सूर्यग्रहण की समाप्ति के पश्चात रविवार की अपराह्न में खुले. इस दौरान पुजारियों ने एक बार स्नान कर मंदिर की साफ-सफाई की. तत्पश्चात, दुबारा स्नान कर विधिवत मंत्रोच्चार के साथ आरती पूजन किया गया. वहीं, भगवान को भोग भी लगाया गया. इस बाबत रामेश्वरनाथ मन्दिर, नाथबाबा मन्दिर, सुमेश्वरनाथ मन्दिर, राम-जानकी मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सिद्धनाथ मन्दिर, पातालेश्वर महादेव मंदिर आदि के पुजारियों ने बताया कि पांचांग के समयानुसार ग्रहण का सूतक शनिवार की रात्रि में ही लग गया था. इस कारण आरती के बाद मन्दिर के पट बंद कर दिए गए थे. ग्रहण समाप्ति के पश्चात आरती-पूजन के बाद से आमजनों के लिए दर्शन-पूजन को खोल दिया गया है.
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