वर्षों से भुगतान ले रही है बिजली कंपनी, आपूर्ति पहुंचाने में विफल ..

खंभे लगाए जाने के बाद वर्ष 2017 से वे लोग लगातार बिजली कंपनी के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिख रहे हैं. लेकिन उनके द्वारा बिजली के खंभों पर तार नहीं लगाया गया. ऐसे में  पतले सर्विस वायर से दूर से बिजली की आपूर्ति होती है. 

 

सोहनी पट्टी में वर्षों पूर्व लगाया गया बिजली का खंभा, नहीं लगाया गया तार
 

- हाल साउथ बिहार पावर डिसटीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का
- वर्षों पूर्व लिया बिजली का कनेक्शन, कहीं नहीं गाड़ी गए खंभे तो कहीं खंभे तो कहीं नहीं लगाए गए तार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिजली विभाग की लापरवाही ने मंगलवार को जहां कोइरपुरवा मोहल्ले के रहने वाले प्रह्लाद सिंह नामक किसान की जान ले ली वहीं, दूसरी तरफ विभाग की इसी लापरवाही का शिकार जिला मुख्यालय के विभिन्न मुहल्लों के लोग कभी भी हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि, बिजली कंपनी ने लोगों को धड़ल्ले से बिजली कनेक्शन बांटे हैं व उनसे बिल की वसूली भी करती है लेकिन, उपभोक्ताओं को सभी प्रकार की सुविधाएं नहीं मिल पाती. नगर के सोहनी पट्टी से लेकर नया बाजार तथा पांडेय पट्टी इलाके में वर्षों से बिजली का कनेक्शन लेकर उसका उपयोग कर रहे उपभोक्ता सैकड़ों मीटर दूरी से पतले सर्विस वायर के सहारे अपने घरों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कराते हैं. यह पतले तार कई बार टूट कर गिर जाते हैं जिनमें विद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है.

बिजली के उपभोक्ता बताते हैं कि, कई वर्षों से बिजली का कनेक्शन लेकर बिजली उपभोग करने तथा उस का बिल भरने के पश्चात भी जब बिजली कंपनी से व्यवस्थाओं में सुधार की बात कही जाती है तो उसके अधिकारी टालमटोल करने लगते हैं. सोहनी पट्टी से सटे बाईपास रोड के पाल नगर के रहने वाले संजय जायसवाल, विजय शंकर पांडेय, राजू कुमार तथा अन्य नागरिकों ने बताया कि उन्होंने कई वर्षों पूर्व बिजली का कनेक्शन लिया था जिसके बाद चार-पांच वर्षों के बाद बिजली कंपनी के द्वारा खंभे लगाए गए. खंभे लगाए जाने के बाद वर्ष 2017 से वे लोग लगातार बिजली कंपनी के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिख रहे हैं. लेकिन उनके द्वारा बिजली के खंभों पर तार नहीं लगाया गया. ऐसे में  पतले सर्विस वायर से दूर से बिजली की आपूर्ति होती है. जो कई बार टूट कर गिर जाते हैं इससे न सिर्फ परेशान नहीं बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है.

पांडेय पट्टी एफसीआई गोदाम के पास रहने वाले जितेंद्र कुमार, मंजय राम, निशांत कुमार, शकुंतला देवी, विमलेश पांडेय समेत कई बिजली उपभोक्ताओं ने बताया कि उनके द्वारा तक़रीबन आठ वर्षों पूर्व बिजली का कनेक्शन लिया गया था लेकिन, अब तक उनके घरों तक बिजली के खंभे नहीं लगाए. गए मजबूरन उन्हें काफी दूर से पतले सर्विस वायरो के सहारे ही विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करानी पड़ती है जिससे कि, दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है हालांकि, कई बार गुहार लगाने के बाद भी बिजली के स्थानीय अधिकारी इस पर कोई संज्ञान नहीं लेते.

काम पूरा नहीं होने पर नहीं करना है संबंधित एजेंसी को भुगतान:

बताया जा रहा है कि, जिले में  ए टू जेड लिमिटेड तथा एवरेस्ट  इंफ्रा एनर्जी लिमिटेड के द्वारा  विभिन्न इलाकों में काम किए गए हैं लेकिन, इनके द्वारा कार्य में व्यापक लापरवाही बरती गई है. दरअसल, ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए तीन स्तरों पर इसकी जांच की जाती है. जांच में अगर कोई भी अनियमितता पाई गई तो संबंधित कार्यकारी एजेंसी अथवा ठीकेदार के भुगतान में से उसका सामंजन किए जाने का प्रावधान है. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल क्वालिटी मॉनिटरिंग टीम, राज्य स्तर पर रीजनल क्वालिटी मॉनिटरिंग टीम तथा थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग एजेंसी के द्वारा इसकी देखरेख कराई जाती है. यही नहीं ऊर्जा मंत्रालय के अधीन रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा टीपीआईए को बिजली करण की गुणवत्ता जांच करने का निर्देश दिया गया है लेकिन, टीपीआईए के द्वारा इस संदर्भ में कोई विशेष कार्य नहीं किया जाता. मजबूरन वर्षों तक लोग विद्युतीकरण से महरुम रहते हैं और कार्यकारी एजेंसी अथवा ठेकेदार को भुगतान भी हो जाता है.

इस संदर्भ में विद्युत कंपनी के कार्यपालक अभियंता सन्नी कुमार का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर 07763814281 पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया जिससे कि उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका.














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