गोलंबर टू डुमराँव वाया जासो-नदांव सड़क का निर्माण शुरु ..

इस सड़क के बन जाने से इस रास्ते से जोड़ने वाले दर्जनों गांवों के लोगों को काफी सहूलियत होगी. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे आदि उभरने के कारण लोगों को बेहद मुश्किलों से इस सड़क पर यात्रा करनी पड़ती है. बताया जा रहा है कि निर्माण शुरू होने के के तकरीबन 1 साल के अंदर इस सड़क का निर्माण पूरा कर लेना है.


- 3 करोड़ 34 लाख में हो रहा 16 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण, 1 करोड़ 62 लाख रुपये से 5 वर्षीय अनुरक्षण
- डीपीआर में गड़बड़ी की कहीं जा रही बात, भेजा गया रिवाइज्ड डीपीआर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  राष्ट्रीय राजमार्ग- 84 के बक्सर गोलंबर से जासो, नदाँव, कुल्हड़िया, सुरौंधा के रास्ते डुमराँव को जाने वाली सड़क को लेकर एक राहत की खबर आयी है. टेंडर के बाद चयनित एजेंसी श्री भगवान सिंह के द्वारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है.

बताया जा रहा है कि इस सड़क के बन जाने से इस रास्ते से जोड़ने वाले दर्जनों गांवों के लोगों को काफी सहूलियत होगी. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे आदि उभरने के कारण लोगों को बेहद मुश्किलों से इस सड़क पर यात्रा करनी पड़ती है. बताया जा रहा है कि निर्माण शुरू होने के के तकरीबन 1 साल के अंदर इस सड़क का निर्माण पूरा कर लेना है.

डीपीआर में गड़बड़ी पर उठ रहे सवाल:

बताया जा रहा है कि सड़क के डीपीआर में व्यापक गड़बड़ी है. ऐसे में सड़क निर्माण के बाद सड़क कब तक सुरक्षित रहेगी इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती. दरअसल 18.5 किलोमीटर लंबी इस सड़क के केवल 16 किलोमीटर में है निर्माण किया जाना है. इस हिसाब से ढाई किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा ही नहीं. दूसरी तरफ सड़क के निर्माण के लिए जहां केवल तीन करोड़ 33 लाख रुपए की राशि निर्धारित है वह एक करोड़ 62 लाख रुपए अनुरक्षण के लिए निर्धारित किए गए हैं. ऐसे में साढ़े 12 फीट चौड़ी इस सड़क के निर्माण में लगे संवेदक श्रीभगवान सिंह ने बताया कि डीपीआर अव्यवहारिक है. ऐसा लगता है जैसे किसी ने ऑफिस में बैठ कर इसे बनाया है. इसमें नाली निर्माण को भी नहीं जोड़ा गया है. ऐसे में जासो, जगदीशपुर, सुरौंधा, तथा छोटकी बसौली में नाला के साथ ही फिर से रिवाइज़्ड डीपीआर दिया गया है.

एक बार बनने के बाद कभी नहीं ली गई सड़क के अनुरक्षण की सुध:

बताया जाता है कि, निर्माण के बाद से ही समय-समय पर मरम्मत, अनुरक्षण एवं देखरेख नहीं होने के कारण यह कई जगह से टूट गई है. वर्ष 2011-12 में एचएससीएल के द्वारा  बनाई गई साढ़े 18 किलोमीटर लंबी सड़क की फिर कोई सुध नहीं ली गई. इस वक्त हालात यह हो गए हैं कि, बरसात के दिनों में कौन कहे आम दिनों में भी यहां जलजमाव का नजारा साफ तौर पर देखा जाता है. यह जलजमाव घरों से निकलने वाले नालियों के पानी के कारण हैं. एक तो सड़क पर गड्ढे बने हुए हैं ऊपर से नालियों के पानी भर जाने से गड्ढों की वास्तविक गहराई का अंदाजा नहीं चल पाता जिससे कि, बड़ी दुर्घटनाओं के होने की प्रबल आशंका बनी रहती है.

कहते हैं अधिकारी: 

डीपीआर में कोई गड़बड़ नहीं है क्योंकि, सड़क पूर्व में बनी थी. उसी सड़क के ऊपर निर्माण हो रहा है. बरसात के कारण सड़क पर जो गड्ढे बन गए थे उन्हें भरने तथा लंबाई में जो सड़क कमी हुई है उसके निर्माण के लिए भी नया डीपीआर बना मुख्यालय को भेजा गया है. शीघ्र ही उसकी स्वीकृति मिल जाएगी. गड्ढे भरने के बाद उस पर कालीकरण करने के पश्चात उसके ऊपर सड़क का निर्माण किया जाएगा.

राम कुमार पोद्दार
कार्यपालक अभियंता,
ग्रामीण कार्य प्रमंडल, बक्सर















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