नई शिक्षा नीति में कुछ भी नया नहीं: राकांपा

उन्होंने कहा कि, नयी नीति से शिक्षको तथा अभिभावकों का शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण भी होगा. जैसा कि फ्रांसिसियो ने वियतनाम के साथ किया था. एच आई डी के सर्वे के अनुसार 189 देशो मे भारत का स्थान 129 वां है. छोटे छोटे देश भूटान जिम्बावे अपने जीडीपी का साढे सात फिसदी खर्च करता है.
 
- कहा, नए पैकेट में पुरानी चीज जैसी है यह शिक्षा नीति
- बताया, शिक्षकों तथा अभिभावकों पर बढ़ेगा अतिरिक्त बोझ

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राष्ट्रवादी काॅग्रेस पार्टी  के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बिनोधर ओझा ने मोदी सरकार द्वारा घोषित नयी शिक्षा नीति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस नीति मे नया कुछ भी नही है. यह नए पैकेट में पुरानी चीज जैसी है. 1968 की पहली शिक्षा नीति , 1986 की दूसरी शिक्षा नीति और 1992 की संशोधित शिक्षा नीति तीनो मे कुल जी डी पी का 6 फीसद खर्च करने की योजना थी. वर्तमान सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति मे भी जीडीपी का 6 फीसद ही खर्च कर विकसित करने की है. जबकि देश की जीडीपी इस समय 2 के आस पास है.
 
उन्होंने कहा कि, नयी नीति से शिक्षको तथा अभिभावकों का शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण भी होगा. जैसा कि फ्रांसिसियो ने वियतनाम के साथ किया था. एच आई डी के सर्वे के अनुसार 189 देशो मे भारत का स्थान 129 वां है. छोटे छोटे देश भूटान जिम्बावे अपने जीडीपी का साढे सात फिसदी खर्च करता है. व्यवसायिक शिक्षा की बात बहुत पहले से सरकारी स्कूलो में कागज पर है.

उन्होंने पूछा कि नयी शिक्षा नीति मे 50 फीसद लोगो को व्यवसायिक शिक्षा दी जायेगी. वैसी स्थिति मे 50 फीसद लोग क्या श्रमिक होगे? नौकरी के लिए राज्य सेवा आयोग, यूनियन सर्विस कमीशन, पुलिस और न्यायिक सेवा के अलावे और कोई नौकरी सरकार द्वारा नही दी जायेगी. बहुत पहले भी यह विभाग शिक्षा विभाग कहलाता था अब भी कहा जाएगा. इसमें नया क्या है?













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