पिछले दिनों जदयू के जिलाध्यक्ष विंध्याचल सिंह कुशवाहा ने मीडिया को बयान देते हुए कहा था कि बक्सर सदर समेत जिले की तीन विधानसभा सीटें जदयू के खाते में जाएंगी. उनके इस कथन के बाद यह चर्चा भी जोरों पर है कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय जदयू के टिकट पर बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, भाजपा के अंदर इस बात को लेकर बवाल मचा हुआ है.
- सूत्रों के हवाले से मिली खबर गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में रहेगा जदयू
- जदयू के जिलाध्यक्ष ने बयान देकर मचाई थी हलचल, भाजपा नेता कर रहे हैं खंडन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: विधानसभा चुनाव को लेकर भले ही अभी टिकटों के बंटवारे की स्थिति पूरी तरह साफ नहीं हुई हो लेकिन, एक बात तय मानी जा रही है कि एनडीए गठबंधन में जदयू बड़े भाई की भूमिका में रहेगा. दूसरे स्थान पर भाजपा वहीं, लोजपा को भी पिछली बार से ज्यादा सीटें मिलने जा रही हैं. माना जा रहा है कि दूसरे गठबंधन से जो दल आ रहे हैं उन्हें भी उचित सम्मान देने की तैयारी है. पिछले दिनों जदयू के जिलाध्यक्ष विंध्याचल सिंह कुशवाहा ने मीडिया को बयान देते हुए कहा था कि बक्सर सदर समेत जिले की तीन विधानसभा सीटें जदयू के खाते में जाएंगी. उनके इस कथन के बाद यह चर्चा भी जोरों पर है कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय जदयू के टिकट पर बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, भाजपा के अंदर इस बात को लेकर बवाल मचा हुआ है.
पूर्व आईआरएस तथा सदर विधानसभा से टिकट की दौड़ में शामिल विनोद चौबे जदयू जिलाध्यक्ष के बयान से साफ इनकार करते हैं. उनका कहना है कि अब इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है और भाजपा अपना दावा इस सीट से छोड़ने नहीं जा रही है. उधर, भाजपा के प्रदेश संगठन विस्तारक अमरेंद्र पांडेय के मुताबिक भाजपा अपना दावा बक्सर सदर सीट से नहीं छोड़ रही है और अबकी बार जो भी प्रत्याशी होंगे वह स्थानीय ही होंगे. विरो बयान आने के बाद भाजपा-जदयू के बीच तनातनी भरे माहौल में गठबंधन अब किस प्रकार बीच का रास्ता निकालेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन, विधानसभा सीट पर प्रत्याशी को लेकर असमंजस बरकरार है.
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