भ्रष्टाचार: धरातल पर नहीं, होटल के कमरे में बैठकर हो रही पंचायत स्तरीय मनरेगा योजनाओं की ऑडिट ..

ऑडिटर ने बातचीत के क्रम में यह स्वीकार किया कि डीआरडीए कर्मी मुकेश कुमार एवं एक अन्य कर्मी के कहने पर वह मुख्यालय में बैठकर ही ऑडिट का काम कर लेते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि समयाभाव के कारण ऐसा किया जा रहा है ताकि, जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जा सके.
होटल के कमरे में बैठकर ऑडिट करते ऑडिटर


- बेहतर रिपोर्ट तैयार करने के एवज में पैसे के लेनदेन की सामने आ रही बात
- सरकार की महत्वकांक्षी जल-जीवन-हरियाली योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर लगा ग्रहण

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकार की महत्वकांक्षी जल-जीवन हरियाली योजना के साथ-साथ पंचायत स्तर पर चलने वाली मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायत सदैव मिलती रहती है. हाल ही में डीआरडीए के एक कर्मी को इन्हीं योजनाओं की जांच रिपोर्ट को दुरुस्त करने के नाम पर 50 हज़ार रुपये घूस लेते हुए विजिलेंस की टीम ने पकड़ा था. 

एक बार फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें योजनाओं के फाइलों की ऑडिट रिपोर्ट प्रखंड मुख्यालय अथवा पंचायतों में ना जाकर जिला मुख्यालय के एक होटल में बैठकर तैयार की जा रही है. साथ में ही बेहतर रिपोर्ट तैयार करने के एवज में बतौर घूस मोटी रकम भी लेने की बात कही जा रही है.

इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब लोगों की शिकायत पर हमारी टीम एक निजी होटल के कमरे में बैठे ऑडिटर अजय कुमार दूबे के पास पहुंची. ऑडिटर ने बातचीत के क्रम में यह स्वीकार किया कि डीआरडीए कर्मी मुकेश कुमार एवं एक अन्य कर्मी के कहने पर वह मुख्यालय में बैठकर ही ऑडिट का काम कर लेते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि समयाभाव के कारण ऐसा किया जा रहा है ताकि, जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जा सके.

मामले में विश्वस्त सूत्रों की माने तो ऑडिट के नाम पर दिन भर पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि अथवा उनके प्रतिनिधि एवं पीआरएस आदि जिला मुख्यालय में जमावड़ा लगाए रहते हैं, जहां सेटिंग-गेटिंग का खेल चलते रहता है. बताया जा रहा है कि, बतौर घूस ली जाने वाली रकम का एक हिस्सा वरीय अधिकारियों को भी जाता है.

ऑडिटर ने मानी गलती, कहा आगे से ब्लॉक में जाकर तैयार करेंगे रिपोर्ट:

ऑडिटर अजय कुमार दूबे ने बताया कि 20 तारीख तक उन्हें ऑडिट की रिपोर्ट कंप्लीट कर मुख्यालय को भेजनी थी. ऐसे में उन्होंने होटल में बैठकर ही रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी. हालांकि, उन्होंने अपनी गलती मानते हुए यह स्पष्ट किया कि, अब वह प्रखंड मुख्यालयों में जाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे.

इस संदर्भ में  बात करने के लिए उप विकास आयुक्त डॉ. योगेश कुमार सागर के सरकारी नंबर 9431818347 पर संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन, कई बार फोन करने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया जिससे कि उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका.













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