संवेदक से रंगदारी मांगने का मामला उजागर डीजीपी ने दिया कानूनी कार्रवाई का निर्देश ..

संवेदक ने अपने आवेदन में बताया है कि, राजपुर प्रखंड में विभिन्न सड़कों के निर्माण का अनुबंध उनके द्वारा ग्रामीण कार्य विकास अभियंत्रण से किया गया है तथा कई सड़कों का निर्माण कराया भी जा रहा है. लेकिन, स्थानीय दबंगों द्वारा बार-बार न सिर्फ कार्य में बाधा पहुंचाई जा रही है बल्कि, रंगदारी की मांग करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है. 

डॉ. शशांक शेखर की रपट

-  जिले के राजपुर प्रखंड में सड़क निर्माण के कार्य करा रहे हैं संवेदक
- चौकीदार तथा उसके पुत्रों पर लगाया 2 लाख रुपये रंगदारी मांगने तथा जान से मारने की धमकी का आरोप

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: सूबे के मुखिया नीतीश कुमार भले ही सूबे में सुशासन का राज कायम होने की बात कहते नहीं थकते हो लेकिन, उनके सुशासन के यह दावे उनके डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के गृह जिले में ही खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. पथ निर्माण से जुड़े एक संवेदक ने रंगदारी मांगने तथा जान से मारने की धमकी दिए जाने की बात कहते हुए जिले के पुलिस कप्तान को एक आवेदन दिया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के ढढनी गाँव के मूल निवासी संवेदक रामानंद राय ने बताया है कि राजपुर प्रखंड में एक सड़क निर्माण के दौरान स्थानीय प्रखंड के निवासी शेखर यादव तथा नारायण यादव ने अपने चौकीदार पिता की धौंस जमाते हुए 2 लाख रुपयों की रंगदारी तथा नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी है. संवेदक ने अपने आवेदन में बताया है कि, राजपुर प्रखंड में विभिन्न सड़कों के निर्माण का अनुबंध उनके द्वारा ग्रामीण कार्य विकास अभियंत्रण से किया गया है तथा कई सड़कों का निर्माण कराया भी जा रहा है. लेकिन, स्थानीय दबंगों द्वारा बार-बार न सिर्फ कार्य में बाधा पहुंचाई जा रही है बल्कि, रंगदारी की मांग करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है. 

ऐसे में संवेदक ने रविवार को बक्सर पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से मिलकर भी अपनी व्यथा सुनाई जिस पर डीजीपी ने एसपी को मामले की जांच करते हुए सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया. डीजीपी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, सूबे में कानून का राज कायम है और यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि, उनके ही गृह जिले में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भी गुंडा अथवा कोई भी रंगदार इस तरह का भयादोहन करे. उधर, डीजीपी के निर्देश मिलने के बाद एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा भी मामले को लेकर सजग हो गए हैं तथा उन्होंने तुरंत स्थानीय थानाध्यक्ष को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि 24 घंटे के अंदर मामले की जांच करते हुए उन्हें प्रतिवेदन समर्पित किया जाए. 

सुस्त रवैये का परिचायक है थानेदार का बयान:

मामले में संवेदक ने पूर्व में  राजपुर थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी जिस पर थानेदार रंजीत कुमार सिन्हा ने संवेदक को यह कहा कि वह स्थानीय लोगों से मिल बैठकर बात करें तथा निर्माण कार्य जारी रखे. एक तरफ डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय कानूनी कार्रवाई की बात कह रहे हैं. वहीं, थानेदार का इस तरह का बयान या तो आरोपितों को बचाने की कार्रवाई अथवा दबंगों के साथ मिलीभगत का परिचय दे रहा है. बहरहाल, देखना यह होगा कि डीजीपी के निर्देश के बाद पुलिस संवेदक को भयमुक्त करने में किस प्रकार के प्रभावशाली कदम उठाती है.
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