माता अहिल्या के धाम अहिरौली को आज भी किसी राम का इंतजार है. वह राम ऐसे हो जो शिला का रूप धर चुकी जनता की समस्याओं को दूर कर सकें. जनता ने कभी सांसद तो कभी विधायक के रुप में ऐसे जनप्रतिनिधियों को चुनाव जिनसे उन्हें माता अहिल्या के धाम के उद्धार की आस थी लेकिन, उनकी आस आज भी अधूरी है.
- सड़क पर उभर आए बड़े-बड़े गड्ढों से आवागमन में परेशानी
- सात निश्चय योजनाओं के कार्यान्वयन में भी गड़बड़ी की शिकायत
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिस प्रकार त्रेता युग में प्रभु श्रीराम के चरण रज से का स्पर्श पाकर देवी अहिल्या का उद्धार हुआ था और वह शिला से एक बार फिर नारी स्वरूप में आ गई थी उसी प्रकार माता अहिल्या के धाम अहिरौली को आज भी किसी राम का इंतजार है. वह राम ऐसे हो जो शिला का रूप धर चुकी जनता की समस्याओं को दूर कर सकें. जनता ने कभी सांसद तो कभी विधायक के रुप में ऐसे जनप्रतिनिधियों को चुनाव जिनसे उन्हें माता अहिल्या के धाम के उद्धार की आस थी लेकिन, उनकी आस आज भी अधूरी है. हालात यह है कि जिस अहिल्या धाम की चर्चा पूरे विश्व में है वहां पहुंचना भी किसी जंग को जीतने से कम नहीं है. यह कहा है सदर प्रखंड के अहिरौली के निवासियों का.
अहिल्या धाम यानी कि, अहिरौली गांव में पहुंचने के लिए मुख्य मार्ग पर जलजमाव तथा बड़े-बड़े गड्ढे बने रहने के कारण ना सिर्फ लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है.स्थानीय लोग बताते हैं कि, इस संदर्भ में सांसद-विधायक, मुखिया, पदाधिकारी से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक को भी सूचित किया गया लेकिन, हालात अब भी वही हैं. या यूं कहें कि हालात बद से बदतर हो गए हैं.
स्थानीय निवासी दिवाकर प्रताप चौबे बताते हैं कि समस्याएं सिर्फ जल निकासी आवागमन के मार्ग की ही नहीं बल्कि, सात निश्चय की योजनाओं आदि में भी खुलेआम भ्रष्टाचार परिलक्षित होता है मूल समस्या यह भी है कि इनके असुविधाओं के बारे में यदि जनप्रतिनिधियों को सूचित किया जाता है तो उनके तरफ से पहल करना तो दूर उल्टे कई तरह की धमकियां भी दी जाती है. हालांकि, जनता अब अपने वोट से चोट करने के फिराक में है.
शशि शेखर चौबे, संतोष पांडेय, अरविंद कुमार पाठक, बड़क यादव, राम प्रवीण चौबे बताते हैं कि गांव में आने के लिए तीन तरफ से रास्ते हैं. एक एनएच- 84 से, दूसरा रास्ता बक्सर कोइलवर टटबंध तथा दूसरा तीसरा बड़की सारीमपुर से होकर आता है लेकिन, सभी रास्तों की स्थिति बेहद खराब है. राष्ट्रीय राजमार्ग 84 से आने वाले प्रमुख मार्ग पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं दो पहिया कौन कहे चार पहिया वाहन भी लाने में परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि पंचकोशी परिक्रमा से लेकर सामान्य दिनों में भी यहां दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं लेकिन, व्यवस्थाओं कोसते हुए चले जाते हैं. ऐसे में उन्होंने प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई है कि, इस समस्या को हल करने में तत्परता दिखाएं अथवा जनता मजबूरन आंदोलन को बाध्य होगी.
कहते हैं अधिकारी:
अहिरौली में आवागमन को लेकर मार्ग पर जलजमाव की समस्या के बारे में जानकारी मिली है. एक-दो दिन के अंदर गांव में पहुंच हालात का जायजा लेते हुए उसके सुधार के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे.
दीपचंद जोशी,
प्रखंड विकास पदाधिकारी, बक्सर सदर
0 Comments