पहले विधानसभा में सदर सीट में सबसे कम 33 फीसदी व ग्याहरवें में सबसे अधिक 66 फीसदी हुआ था मतदान ..

चुनावी महाकुंभ में सबसे अधिक महत्व वोटरों का होता है‌‌. प्रत्याशियों का यह प्रयास रहता है कि वोटर उनके पक्ष में अधिक से अधिक मतदान करें. वहीं प्रशासन की ओर से भी यह प्रयास किया जाता है कि जनता की भागीदारी इसमें अधिक से अधिक हो सके. इसके लिए स्वीप के तहत कई कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं.

 

- पहले विधानसभा चुनाव में सदर सीट पर केवल 33 फ़ीसदी हुई थी वोटिंग
- केवल 68,130 मतदाताओं का नाम था वोटर लिस्ट में दर्ज

बक्सर टाॅप न्यूज, बक्सर: चुनावी महाकुंभ में सबसे अधिक महत्व वोटरों का होता है‌‌. प्रत्याशियों का यह प्रयास रहता है कि वोटर उनके पक्ष में अधिक से अधिक मतदान करें. वहीं प्रशासन की ओर से भी यह प्रयास किया जाता है कि जनता की भागीदारी इसमें अधिक से अधिक हो सके. इसके लिए स्वीप के तहत कई कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं. ताकि स्वच्छ लोकतंत्र का निर्माण हो. सदर सीट पर पहले विस चुनाव में मात्र 33 फीसदी ही वोटिंग हो पायी थी. वहीं 1995 में हुये चुनाव में सबसे अधिक 66 फीसदी वोटिंग हुई थी.


1952 में हुआ पहला विधानसभा चुनाव:

देश की आजादी के बाद पहले विधानासभा चुनाव के महत्व को आम जनता ठीक से समझ नहीं पायी थी. प्राप्त आंकड़ों के हिसाब से उस वक्त वोटर लिस्ट में 68 हजार 130 मतदाताओं का नाम दर्ज था. इसमें से 22 हजार 668 वोटर ही बूथ पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाये थे.जो महज 33 फीसदी था. पहले विस चुनाव में दस प्रत्यशियों ने अपना भाग्य आजमाया था.

1957 में हुये दूसरे विधानसभा चुनाव में कुल वोटरों की संख्या 61 हजार 509 थी. 28 हजार 403 वोटरों ने वोटिंग की. जो महज 46 फीसदी ही रही. इसमें सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.

1962 में कुल वोटरों की संख्या 62 हजार 252 थी. 35 हजार 944 वोटरों ने वोटिंग हुई थी. 57 फीसदी ही रही. इसमें महज तीन उम्मीदवार चुनाव लड़े थे.

1967 में हुये चौथे चुनाव में कुल वोटरों की संख्या 87 हजार 89 थी. 52 हजार 733 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस चुनाव में 60 फीसदी वोटिंग हुई थी. मैदान में सात प्रत्याशी थे.


1969 में हुये पांचवें चुनाव में कुल वोटरों की संख्या 91 हजार 418 थी. 55 हजार 291 वोटरों ने वोटिंग की थी. 60 फीसदी वोटिंग रही थी.इसमें में भी सात उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था.

1972 में हुये चुनाव मेें वोटरों की संख्या एक लाख के पार हुई थी. इसमें कुल वोटरों की संख्या एक लाख 6 हजार थी. 53 हजार 607 वोटरों ने वोटिंग की थी. इसमें वोटिंग प्रतिशत महज 50 हो गया था। छह प्रत्याशी चुनाव लड़े थे.


1977 में हुआ विधानसभा चुनाव कई मायनों में अहम था. इसमें कुल वोटरों की संख्या एक लाख 3 हजार 902 थी. बूथ तक महज 50 हजार 52 वोटर ही पहुंचकर वोटिंग कर पाये थे. 48 फीसदी वोटिंग हुई. प्रत्याशियों की संख्या में इजाफा हुआ था. कुल 11 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में थे.


1980 में हुये चुनाव में कुल वोटरों की संख्या एक लाख 17 हजार 377 थे. 59 हजार 217 वोटर ने वोटिंग की थी. 50 फीसदी वोटिंग हुई. कुल 11 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में थे.


1985 में सदर सीट से पंड़ित जगनारायण त्रिवेदी का टिकट काटकर कांग्रेस से श्रीकांत पाठक को मैदान में उतारा गया था. इसमें कुल वोटरों की संख्या एक लाख 40 हजार 119 थी. 67 हजार 477 वोटरों ने वोटिंग की थीे. 48 फीसदी वोटिंग हुई. प्रत्याशियों की संख्या में इजाफा हुआ था. कुल 19 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में थे.

1990 में कुल वोटरों की संख्या एक लाख 60 हजार 899 थी. 86 हजार 473 ने वोटिंग की थी. 53 फीसदी वोटिंग हुई. अब तक के इतिहास में सबसे अधिक 34 उम्मीदवार मैदान में थे.

1995 कुल वोटरों की संख्या एक लाख 56 हजार 196 वोटर थे. इस बार के चुनाव में पहली बार एक लाख से अधिक वोटरों ने वोटिंग की थी. वोटिंग एक लाख चार हजार हुई थी. जो 66 फीसदी रही थी. कुल 28 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में थे.


2000 कुल वोटरों की संख्या एक लाख 61 हजार 654 थी. बूथ तक महज 96 हजार 477 वोटर ही पहुंचकर वोटिंग कर पाये थे. 59 फीसदी वोटिंग हुई. प्रत्याशियों की कुल संख्या 14 थी.


2005 फरवरी, में कुल वोटरों की संख्या 2 लाख 11 हजार 324 थी. एक लाख 480 वोटिंग हुई थी. जो 47 फीसदी रही.कुल 18 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में थे.


2005 अक्टूबर में कुल वोटरों की संख्या 2 लाख 7 हजार 775 थी.वोटिंग एक लाख 2 हजार 267 हुई थी. जो 49 फीसदी रही. आठ उम्मीदवार मैदान में थे.


2010 में कुल वोटरों की संख्या दो लाख 20 हजार 693 थी. एक लाख 28 हजार 102 वोटिंग हुई थी. जो 58 फीसदी रही. कुल प्रत्याशियों की संख्या 25 थी.


2015 में कुल वोटरों की संख्या 2 लाख 77 हजार 847 थी. वोटिंग एक लाख 60 हजार 765 हुई थी. जो 57 फीसदी रही. कुल प्रत्याशियों की संख्या 29 रही थी.


- नवीन पाठक की रिपोर्ट

















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