महिलाओं को आर्थिक रूप से सबल बनाने की चल रही है मुहिम : अंजुम आरा

जाति, धर्म, कौम मजहब से उठकर कार्य करना होता है. इस दिशा में कहीं से भी सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीछे नहीं हैं. उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई महिलाओं को समाज में मुख्यधारा मिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया है. जिसने वह काफी हद तक सफल भी रहे हैं. जो महिलाएं पूरी तरह से शिक्षित नहीं है. आर्थिक रूप से कमजोर हैं. लेकिन, उन्हें आगे बढ़ने की ललक है. ऐसी महिलाओं को जीविका दीदी समूहों से जोड़ा गया.

 


- कहा, महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री ने किए अनेक प्रयास
- बताया, कहने में नहीं करने में नितीश सरकार का है विश्वास

बक्सर टॉप न्यूज़, डुमरांव: समग्र विकास के लिए जाति, धर्म, कौम मजहब से उठकर कार्य करना होता है. इस दिशा में कहीं से भी सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीछे नहीं हैं. उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई महिलाओं को समाज में मुख्यधारा मिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया है. जिसने वह काफी हद तक सफल भी रहे हैं. जो महिलाएं पूरी तरह से शिक्षित नहीं है. आर्थिक रूप से कमजोर हैं. लेकिन, उन्हें आगे बढ़ने की ललक है. ऐसी महिलाओं को जीविका दीदी समूहों से जोड़ा गया. उक्त बातें एनडीए प्रत्याशी अंजुम आरा ने कहीं. उन्होंने कहा कि जीविका के माध्यम से एक छोटा सा समूह बनाया जाता है इसमें महिलाओं को लघु ऋण व अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. इसमें लोन की राशि का एक फीसदी से भी कम ब्याज लगता है. समूह की महिलाएं उस पैसे से अपना व्यवसाय करती हैं और धीरे-धीरे सरकार को राशि फिर लौटा देती है और अपना अच्छा मुनाफा भी कमा लेती हैं तथा अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करती हैं. 

नीतीश कुमार के प्रयास से डुमरांव  विधानसभा क्षेत्र के अब तक डुमराव प्रखंड में 1448, नावानगर में 1520, केसठ में 375, चौगाई में 4390 समूहों का गठन हो चुका है.  इन समूहों के माध्यम से डुमरांव प्रखंड में 16 हजार 376, नावानगर प्रखंड 17 हजार 883, केसठ में 4 हजार 615, चौगाई में 5 हजार 268 महिलाओं को जोड़ा गया है. जीविका के माध्यम से महिलाओं को इसमें जोड़ने का प्रयास लगातार जारी है. अंजुम आरा ने कहा कि  इन समूहों के माध्यम से महिलाओं का बैंक में खाता खोला जाता है. स्वास्थ सुरक्षा निधि, खाद्य सुरक्षा निधि से जोड़ा गया है. इस दिशा में लगातार प्रयास चल रहा है कि अधिक से अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से संपन्न बनाया जाए. नीतीश सरकार कहने में नहीं करने में विश्वास रखती है.

- नवीन पाठक की रिपोर्ट


















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