दिवंगत कारा कर्मियों के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन ..

उनके स्मृति में एवं परिजनों को भरोसा दिलाने हेतु कि, कारा परिवार आज भी आपके साथ है, विशेष रूप से उन्हें आज याद किया गया. बिहार राज्य की काराओं में अब तक कुल 20 कारा कर्मी जिसमें अधीक्षक से लेकर कारापाल, कक्षपाल एवं चिकित्सक सहित कुल 20 कर्मी शहीद हो चुके हैं.  

 

- अपराधियों की गोली का शिकार हुए कारा कर्मी को मरणोपरांतई मिला सम्मान
- कारा अधीक्षक ने कहा, दिवंगत कर्मी के परिजनों से सह्रदयता बनाए रखने के लिए हुई शुरुआत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार कारा एवं सुधार सेवा, बिहार के महानिरीक्षक के निर्देशालोक में केन्द्रीय कारा में बिहार राज्य के काराओं में कर्त्तव्य के दौरान शहीद हुए कारा कर्मियों के सम्मान हेतु स्मृति दिवस/ बलिदान दिवस मनाया गया. कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि बिहार राज्य के काराओं में प्रथम बार स्मृति दिवस मनाये जाने की परंपरा का प्रारंभ की गयी है. इस दौरान केन्द्रीय कारा,  बक्सर के लिपिक, स्व. हैदर इमाम वारसी, पिता - स्व. फहीमुद्दीन जो कि जहानाबाद जिले के रहने वाले थे, जुलाई 2010 से इस कारा में पदस्थापित थे। 04 मई 2011 को कोषागार संबंधित कार्य हेतु कारा परिसर से बाहर जाने के क्रम में अपराधियों द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. उनके स्मृति में एवं परिजनों को भरोसा दिलाने हेतु कि, कारा परिवार आज भी आपके साथ है, विशेष रूप से उन्हें आज याद किया गया. बिहार राज्य की काराओं में अब तक कुल 20 कारा कर्मी जिसमें अधीक्षक से लेकर कारापाल, कक्षपाल एवं चिकित्सक सहित कुल 20 कर्मी शहीद हो चुके हैं.  


विदित हो कि स्मृति दिवस की शुरूआत चीन के द्वारा 21 अक्टूबर 1959 को चीन के पुलिस कर्मियों द्वारा 20 पुलिस कर्मियों की हत्या करने के उपरांत पुलिस अधिकारियों के कन्फेरेन्स में स्मृति दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है. तब से 21 अक्टूबर को पुलिस कर्मियों (सीआएपीएफ) स्मृति दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. 

कारा अधीक्षक ने कहा कि, कारा महानिरीक्षक के कारान्मुखी प्रेरक मार्गदर्शन में हम सभी कारा कर्मियों के मृत्योपरान्त सम्मान बनाये रखने हेतु एक स्वागत योग्य कदम उठाया गया है. इस उपलक्ष्य पर महानिरीक्षक के निदेशानुसार पेंटिंग प्रतियोगिता कक्षपालों के बीच आयोजित की जा रही है, जिसमें तीन हज़ार, दो हज़ार और एक हज़ार रुपये पुरस्कार राशि दिये जाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही साथ सुन्दर स्लोगन एवं गीत लेखन के लिए पाँच सौ रुपये(स्लोगन) एवं ग्यारह सौ (गीत) का भी पुस्कार निर्धारित किया गया है. काराधीक्षक राजीव कुमार ने सभी कर्मियों को अपने कर्त्तव्य के प्रति उत्साहित, सजग, अनुशासित रहने का संदेश दिया.


















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