सात निश्चय फर्जीवाड़े में मठिला मुखिया समेत तीन पर एफआइआर, राशि वसूलने के आदेश ..

मठिला पंचायत के मुखिया देवेंद्र कुमार सिंह, तत्कालीन पंचायत सचिव रामदेव सिंह तथा तत्कालीन कनीय अभियंता ओमप्रकाश गौतम के विरुद्ध कोरान सराय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. सभी पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ जितनी राशि का हेरफेर हुआ है उसे सरकारी खाते में जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है.
मठिला पंचायत के मुखिया


- बिना कार्य कराए ही निकाल ली गई है सात निश्चय योजना की राशि
- अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा करायी जांच में सच साबित हुआ मामला  


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी सात निश्चय योजना में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है, जिसमें निर्माण कराए बगैर सरकारी राशि की निकासी व उसका गबन कर लिया गया है. वित्तीय अनियमितता बरतने वाले चौगाईं प्रखंड केतत्कालीन पंचायत सचिव रामदेव सिंह तथा तत्कालीन कनीय अभियंता ओमप्रकाश गौतम के विरुद्ध कोरान सराय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. सभी पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ-साथ जितनी राशि का हेरफेर हुआ है उसे सरकारी खाते में जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है.

इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक सात निश्चय योजना के कार्य के नाम पर लाखों रुपयों की राशि की निकासी करने के बावजूद उस राशि से कोई कार्य नहीं किया गया है. वहीं, पूर्व में 14 वें वित्त की राशि से कराए गए कार्य को ही सात निश्चय योजना के अंतर्गत कराए गए कार्य के रूप में प्रदर्शित करते हुए दोबारा भुगतान प्राप्त किया गया है. इतना ही नहीं कई स्थानों पर बिना ईट सोलिंग किए पीसीसी सड़क तथा कई जगहों पर बिना मिट्टी भरे ही उस मद में भी पैसे की निकासी कर ली गई है.

मामले में पंचायती राज पदाधिकारी के निर्देश पर डुमराँव अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा एक जांच टीम का गठन कर ब्रिक सोलिंग, पीसीसी सड़कों की मोटाई, मिट्टी भराई आदि की जांच की गई तथा यह पाया गया कि जिन कार्यों को सात निश्चय योजना से किया गया काम बताया गया है वह काम पूर्व में ही हो चुका था. ऐसे मामले में पैसों के निकासी भी की गई है. कई जगहों पर अनियमितता भी बरती गयी है. 

बताया जा रहा है कि मुखिया समेत तीनों से वसूलनीय राशि लगभग एक लाख रुपये की है. हालांकि, ग्रामीण सूत्रों की माने तो मुखिया के द्वारा कराए गए सभी कार्यों की जांच कराई जाए तो एक बड़ा घोटाला निकल कर सामने आएगा. सबसे खास बात है कि, मामले में अधिकारियों की भी मिलीभगत तथा संरक्षण ऐसे भ्रष्टाचारियों को प्राप्त होने के संकेत मिलते हैं. जिससे कि इनका मनोबल ऊंचा रहता है लेकिन, सरकार के स्तर पर ऐसे भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी होती रहती है. पूर्व में सिमरी प्रखंड के काजीपुर पंचायत के मुखिया अख्तर अली को इसी तरह के आरोपों के आधार पर पदच्युत किया गया था.


















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