व्यक्ति को जलाने के प्रयास का नामजद आरोपी गिरफ्तार ..

इस मामले में जख्मी के बड़े भाई के बयान पर घटना के अगले दिन गांव के ही छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. आवेदक के अनुसार पूर्व के विवाद को लेकर आरोपितों ने जिंदा जलाकर हत्या करने की योजना बनाई थी. मामले में शेष पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है.





- सिकरौल थाना क्षेत्र के भदार गांव का है मामला
- छह लोगों के विरुद्ध दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पिछले माह सिकरौल थाना क्षेत्र के भदार गांव में तेल छिड़क कर जिदा जलाने के प्रयास मामले में गांव के ही एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में जख्मी के बड़े भाई के बयान पर घटना के अगले दिन गांव के ही छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. आवेदक के अनुसार पूर्व के विवाद को लेकर आरोपितों ने जिंदा जलाकर हत्या करने की योजना बनाई थी. मामले में शेष पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है.

इसकी जानकारी देते सिकरौल थानाध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि जिंदा जलाकर हत्या के प्रयास मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में छह आरोपितों में से रमन कुमार सिंह, पिता-परमेश्वर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. घटना के बाद से ही सभी छह आरोपित फरार चल रहे थे. इस बीच रविवार की दोपहर अचानक एक आरोपित के गांव आने की मिली गुप्त सूचना के बाद तत्काल छापेमारी करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया. 



थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में पीड़ित व्यक्ति के बड़े भाई सूरज सिहं के बयान पर गांव के ही छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. शेष बचे पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी चल रही है. बताते चलें कि, तीन अक्टूबर के देर रात हुई घटना के समय पीड़ित रामजी सिंह गांव के मंदिर पर टीवी पर आइपीएल मैच देख रहा था. मैच समाप्त होने के बाद रात अधिक हो जाने के कारण वह वहीं सो गया था. 



इस बीच मौका देखकर गांव के ही रमन सिंह, राजगृही सिंह, शत्रुघ्न सिंह, बंटी सिंह, चंदन सिंह और विकु सिंह समेत दो अन्य ने मंदिर में सोए रामजी सिंह के ऊपर तेल छिड़ककर आग लगा दी और कमरा को बाहर से बंद कर भाग निकले. आग से जल रहे रामजी के चिल्लाने की आवाज सुनकर पीड़ित के बड़े भाई सूरज सिंह जैसे ही घर से बाहर आए कि सभी आरोपितों को घटनास्थल की ओर से भागकर आते देखा. उस समय तत्काल मंदिर पर दौड़कर पहुंचे और बाहर से बंद कमरे का दरवाजा खोलकर भाई के शरीर में लगी आग को बुझाने के साथ ही उसे लेकर सबसे पहले अस्पताल पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे सदर अस्पताल भेज दिया गया था. इस संबंध में बड़े भाई ने बताया था कि इसके कुछ ही दिन पूर्व नामजदों के साथ रामजी सिंह का विवाद हुआ था, जिसमें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी.







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