हरित ऊर्जा से रोशन होगा रेलवे स्टेशन ..

कोविड काल में रेलवे को हुई घाटे की भरपाई के लिए जहाँ पूर्व में स्टेशन की लिफ्ट तथा एस्कलेटर को बंद किया गया है. वहीं, वाई-फ़ाई की सेवा को भी बंद किया गया है. इसके अतिरिक्त स्थानीय रेलवे स्टेशन समेत अन्य रेलवे स्टेशनों को भी सोलर प्लेट से आच्छादित किया जाएगा ताकि, स्टेशन पर होने वाली ऊर्जा की खपत को ज्यादा से ज्यादा हरित ऊर्जा से पूरा किया जा सके. 

 






- पर्यावरण संरक्षण को लेकर रेलवे की बड़ी पहल
- वर्ष 2030 तक रखा रखा है हरित ऊर्जा के प्रयोग का बड़ा लक्ष्य

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पर्यावरण संरक्षण को लेकर रेलवे  बेहद गंभीर है. साथ ही कोरोना काल में हुए नुकसान को कम करने के लिए भी रेलवे कई तरह की योजनाएं बना रहा है. इसी क्रम में रेलवे स्टेशन को पूरी तरह से हरित ऊर्जा से रोशन करने की योजना बनायी गयी है. बताया जा रहा है कि, कोविड काल में रेलवे को हुई घाटे की भरपाई के लिए जहाँ पूर्व में स्टेशन की लिफ्ट तथा एस्कलेटर को बंद किया गया है. वहीं, वाई-फ़ाई की सेवा को भी बंद किया गया है. इसके अतिरिक्त स्थानीय रेलवे स्टेशन समेत अन्य रेलवे स्टेशनों को भी सोलर प्लेट से आच्छादित किया जाएगा ताकि, स्टेशन पर होने वाली ऊर्जा की खपत को ज्यादा से ज्यादा हरित ऊर्जा से पूरा किया जा सके. 



दरअसल, परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के लगातार खत्म हो रहे भंडार को देखते हुए ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा देशभर में हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिए जाने का कार्य किया जा रहा है. रेलवे सर्वाधिक ऊर्जा की खपत करने वाले विभागों में से एक है. ऐसे में रेल परिसर चलने वाले तमाम उपकरणों समेत रोशनी आदि के प्रबंध के लिए भी हरित ऊर्जा के तौर पर सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.

रेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व में जहां एकाध भवन को ही सोलर प्लेट के माध्यम से सौर ऊर्जा से आच्छादित किया गया था वहीं, अब संपूर्ण रेलवे स्टेशन परिसर को ऊर्जा से आच्छादित किए जाने की योजना है. रिटायरिंग रूम, रनिंग रूम, वेटिंग हॉल आदि जगहों में पूर्व से ही सौर ऊर्जा से ही विद्युत आपूर्ति तथा प्रकाश आदि की व्यवस्था की जाती है. पूरी तरह से सौर ऊर्जा से आच्छादित किए जाने के बाद डीजल की खपत कम होगी तथा रेलवे को एक संस्था तथा बेहतर विकल्प भी मिलेगा.

बताया जा रहा है कि, रेल मंत्रालय ने वर्ष  2030 तक भारतीय रेलवे को पूरी तरह हरित ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्‍य निर्धारित करने के साथ, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में कई बड़ी पहल की है. रेलवे विद्युतीकरण, लोकोमोटिव और ट्रेनों की ऊर्जा दक्षता में सुधार के साथ स्थाई उपकरणों और प्रतिष्ठानों/स्टेशनों के लिए हरित प्रमाणन हासिल करने, डिब्बों में जैव शौचालय बनाए जाने तथा अपनी ऊर्जा जरुरतों के लिए नवीकरणीय स्रोतों पर निर्भरता तथा शून्य कार्बन उत्सर्जन इस रणनीति का हिस्‍सा है.

कहते हैं अधिकारी:

पर्यावरण संरक्षण को लेकर रेलवे गंभीर है. वर्ष 2030 तक अधिकांश कार्यों को हरित ऊर्जा से ही संपादित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2022 तक रेलवे स्टेशनों पर हरित ऊर्जा का अधिकाधिक प्रयोग करने की योजना है.

पृथ्वी राज
सीपीआरओ,
पूर्व मध्य रेलवे














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