दंगल में पहलवानों के दांव-पेंच से 200 वर्ष पुरानी परंपरा को जीवित रखने का प्रयास ..

बताया कि यह परंपरा तकरीबन 200 वर्षों से चलती आ रही है. इस दौरान गोवर्धन पूजा के दिन पूजनोत्सव संपन्न होने के पश्चात जहां दूर दराज से आए हुए पहलवान अखाड़े में अपना दमखम दिखाते हैं वहीं, घुड़दौड़ आदि का आयोजन भी होता है. रात्रि के समय दुगोला रामायण का आयोजन किया जाता है. जिसमें लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से परंपराओं को जीवित रखने का प्रयास करते हैं. 
दंगल में दमखम दिखाते पहलवान

 



- सदर प्रखंड के लालगंज में आयोजित हुआ था कार्यक्रम
- कोरोना की वजह से नहीं शामिल हुए बाहरी पहलवान

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: गोवर्धन पूजा के मौके पर सदर प्रखंड के लालगंज में दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस दौरान जिले के पहलवानों ने अखाड़े में अपने दांव-पेंच दिखाएं. दंगल प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बक्सर लोकसभा तथा विधानसभा के प्रत्याशी रह चुके रवि राज गुप्ता मौजूद थे. उन्होंने कहा कि, लोक संस्कृति को जीवित रखने के लिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन आवश्यक होता है. उन्होंने आयोजन समिति के लोगों को इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.
मौके पर मौजूद मुख्य अतिथि व अन्य



कार्यक्रम का संयोजन सेवानिवृत पुलिसकर्मी तथा अपने जमाने के पहलवान रह चुके सुदामा पहलवान ने किया. उन्होंने बताया कि यह परंपरा तकरीबन 200 वर्षों से चलती आ रही है. इस दौरान गोवर्धन पूजा के दिन पूजनोत्सव संपन्न होने के पश्चात जहां दूर दराज से आए हुए पहलवान अखाड़े में अपना दमखम दिखाते हैं वहीं, घुड़दौड़ आदि का आयोजन भी होता है. रात्रि के समय दुगोला रामायण का आयोजन किया जाता है. जिसमें लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से परंपराओं को जीवित रखने का प्रयास करते हैं. 

हालांकि, कोरोना काल में  केवल स्थानीय पहलवान ही अखाड़े में अपना दमखम दिखा सके. वहीं, घुड़दौड़ का भी आयोजन नहीं हुआ. वैसे हर वर्ष की भांति रात्रि के समय में दुगोला रामायण का आयोजन किया गया.
दंगल के बारे में चर्चा करते सुदामा पहलवान(दाहिने)














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