ओवरलोडेड बालू ट्रकों के विरुद्ध अभियान, तीन लाख से ज्यादा का जुर्माना ..

बालू के कारोबारी अब बेहद शातिर हो गए हैं ऐसे में वह जीपीएस के सहारे ट्रकों को सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे ही लॉक कर देते हैं, जिसके बाद ट्रकों को वहां से कहीं और ले जाना मुश्किल होता है. बाद में  चालक वाहन लेकर फरार हो जाते हैं. ऐसे में विभाग से यह मार्गदर्शन मांगा गया है कि किस प्रकार जीपीएस को डीएक्टिवेट कर वाहनों को अपने कब्जे में लिया जा सके.

 




- जिला परिवहन पदाधिकारी के नेतृत्व में चला अभियान, रात 2 बजे ही निकले
- नावानगर में चला अभियान, मौजूद रहे खनन पदाधिकारी 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बालू के ओवरलोड ट्रकों के विरुद्ध परिवहन विभाग के द्वारा चलाए गए अभियान में पांच ओवरलोड ट्रकों को पकड़ा गया जिनसे बतौर जुर्माना 3 लाख 34 हज़ार 500 रुपये का जुर्माना वसूला गया. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज रजक ने बताया कि ओवरलोडिंग के खिलाफ नियमित रूप से अभियान चलाया जाता रहता है हालांकि, कई बार अभियान की सूचना लीक हो जाने के कारण अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती. ऐसे में शनिवार को बेहद ही गोपनीय तरीके से अभियान चलाया गया जिसमें नवानगर थानाध्यक्ष तथा खनन पदाधिकारी धर्मवीर कुमार के साथ-साथ प्रवर्तन अवर निरीक्षक अंजनी कुमार पाठक की टीम के साथ नवानगर इलाके में अभियान चलाया गया. 

इस अभियान में बालू लदे कुल आठ ट्रकों को पकड़ा गया जिनमें तीन  को अंडर लोड होने की वजह से छोड़ दिया गया वहीं, पांच से बतौर जुर्माना 3 लाख 34 हज़ार 500 रुपये बतौर जुर्माना वसूला गया. परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि जुर्माने की राशि वाहन मालिकों के द्वारा सरकारी खाते में जमा करा दी गई है. उन्होंने बताया कि अवैध बालू कारोबारियों के विरुद्ध अभियान नियमित रूप से चलाया जाता रहेगा.




दूसरी गाड़ी से रात 2:00 बजे निकले परिवहन पदाधिकारी

परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार रजक ने बताया कि उनके द्वारा चलाए जाने वाले छापेमारी अभियान में अक्सर कोई विशेष सफलता नहीं मिल पाती. कारण यह होता है कि जैसे ही वह अभियान में निकलते हैं यह सूचना किसी के द्वारा लीक कर दी जाती है, जिससे कि वाहन मालिक तथा अन्य दलाल सतर्क हो जाते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए वह शुक्रवार की रात को 2 बजे एक निजी गाड़ी से अभियान के लिए निकले. उनकी टीम में शामिल सदस्यों के अतिरिक्त अन्य किसी भी व्यक्ति को इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि किस इलाके में छापेमारी करनी है. नावानगर पहुंचकर उन्होंने नावानगर के थानाध्यक्ष को भी अपने साथ लिया और रात्रि में अभियान शुरू हो गया. देखते ही देखते आठ ट्रकों को पकड़ा गया हालांकि, उनमें से पांच ट्रक ही ओवरलोड पाए गए.

जीपीएस बन रहा परेशानी का सबब:

परिवहन पदाधिकारी के मुताबिक बालू के कारोबारी अब बेहद शातिर हो गए हैं ऐसे में वह जीपीएस के सहारे ट्रकों को सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे ही लॉक कर देते हैं, जिसके बाद ट्रकों को वहां से कहीं और ले जाना मुश्किल होता है. बाद में  चालक वाहन लेकर फरार हो जाते हैं. ऐसे में विभाग से यह मार्गदर्शन मांगा गया है कि किस प्रकार जीपीएस को डीएक्टिवेट कर वाहनों को अपने कब्जे में लिया जा सके.












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