सकारात्मकता को जीवन में उतारने के लिए कैदियों को किया प्रेरित ..

सायं कालीन सत्र में खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भजन संध्या का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में अधीक्षक द्वारा कारा में रह रहे बंदियों के सुधारात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं यथा म्यूजिक बैंड व वॉलीबॉल टीम के निर्माण का शुभारंभ किया गया. 





- कारा दिवस के मौके पर सम्मानित किए कारा कर्मी व कैदी
- कैदियों के बौद्धिक विकास के लिए संगीत और खेलकूद संबंधित निर्माण का शुभारंभ

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जेल में काम करने वाले कर्मचारियों, पदाधिकारियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही जेलों में बंद कैदियों में सुधार कार्यक्रमों के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए सूबे के कई काराओं के साथ-साथ बक्सर केंद्रीय कारा, मुक्त कारा एवं महिला कारा में भी कारा दिवस का आयोजन किया गया. कारा एवं सुधार विभाग के महा निरीक्षक के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी पूनम रानी प्रोबेशन पदाधिकारी सुल्ताना फिरदौस, कारा अधीक्षक राजीव कुमार, कारा चिकित्सा पदाधिकारी कुमार अमरेंद्र आनंद, उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह, मुक्त कारागार के प्रभारी उपाधीक्षक सरोज कुमार, महिला मंडल कारा के प्रभारी उपाधीक्षक मिथिलेश कुमार एवं कारा के सभी लिपिक, प्रोग्रामर कंप्यूटर ऑपरेटर तथा कक्षपाल संवर्ग के सभी कर्मी उपस्थित रहे. 




कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों एवं अधीक्षक के द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई. तत्पश्चात अधीक्षक द्वारा प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी एवं उपाधीक्षक द्वारा प्रोबेशन पदाधिकारी को गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया गया. साथ ही रक्षित कक्षपाल विश्वजीत पासवान द्वारा स्वागत गान गाया गया. तदोपरांत कार्य में उत्कृष्ट तथा समन्वयकारी कार्य करने वाले कारा कर्मियों में शामिल मुक्त कारागार के प्रभारी उपाधीक्षक सरोज कुमार, केंद्रीय कारा के उच्च कक्षपाल मुख्तार राम, कक्षपाल धीरेंद्र प्रसाद के साथ-साथ उत्कृष्ट, साहसिक एवं अनुशासित कार्य करने हेतु कैदियों को भी  सम्मानित किया गया, जिसमें कारा में बंद कैदी  वरुण कुमार को अनुशासित बंदी, सुरेंद्र चौधरी को सेवा भाव, सुनील चौधरी को चित्रकारी, रामदेव प्रसाद व रविशंकर केसरी को स्वच्छता मदन सिंह एवं अकबर अली को कार्य प्रवीणता हेतु पुरस्कृत किया गया.






कार्यक्रम के दौरान सायं कालीन सत्र में खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भजन संध्या का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में अधीक्षक द्वारा कारा में रह रहे बंदियों के सुधारात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं यथा म्यूजिक बैंड व वॉलीबॉल टीम के निर्माण का शुभारंभ किया गया. साथ ही यह बताया गया कि कारा दिवस यह याद करने के लिए मनाया जा रहा है कि हम कहां थे कहां है और कहां जाना है. आज कारा सुधार गृह है. बंदी अपने भावावेश में किए गए अपराध को समझ बूझ कर दूर करने का प्रयास कारा में उपलब्ध काउंसलर, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आदि की सहायता से कर सकते हैं. यही नहीं किसी गरीब बंदी जिससे अधिवक्ता नहीं है वह सरकारी अधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं. जो बंदी कारा में अपने परिजन से नहीं मिल पा रहे हैं वहीं, मुलाकाती ई- मुलाकाती की सहायता से अब भी अपनों से मिल सकते हैं. कारा के सम्यक विकास में सभी का सहयोग अपेक्षित है. इसी क्रम में प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी ने कहा कि कारा में मोबाइल आदि नहीं रखे जाएं तथा सरकार द्वारा किए गए सुविधा का भरपूर लाभ उठाया जाए. टेलीफोन केंद्र स्थापित किया गया है जहां से वार्ता की जा सकती है. उन्होंने कारा के बंदियों को सुधारात्मक कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया. कार्यक्रम के अंत में मुक्त कारागार के प्रभारी उपाधीक्षक सरोज कुमार द्वारा सभी वक्ताओं को धन्यवाद देकर कार्यक्रम का समापन किया गया








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