जल्द ही शुरू होगा नए बाइपास का निर्माण ..

इस योजना के बाद शहर के पश्चिमी भाग को और आगे की ओर फैलने का ज्यादा अवसर मिलेगा. फोरलेन को कनेक्टिविटी देने के लिए योजना की रूपरेखा तैयार कर सितम्बर में ही इसका गजट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही संबंधित चार अंचलाधिकारियों को गांवों के नाम सुधार आदि के लिए भेज दिया गया है.




- करीब 30 गांवों के रास्ते बक्सर पटना फोरलेन को जोड़ेगा नया बाईपास
- भूमि अधिग्रहण के लिए शुरू की गई प्रारंभिक प्रक्रिया

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पटना से बक्सर के लिए फोरलेन बनने का काम काफी तेजी से चल रहा है. इसके साथ ही बक्सर में इसके लिए अलग से बाइपास के एलाइनमेंट पर भी तीन साल पहले ही काम शुरू कर दिया गया था. इसके तहत नया बाइपास एनएच -84 के अंतर्गत पटना - बक्सर फोरलेन को बक्सर से मोहनिया के रास्ते सीधे ग्रैंड ट्रंक रोड से जोड़ने का काम करेगा. इस संबंध में तय की गई योजना के अनुसार यह एनएच -84 पर अहिरौली के पास कतकौली से लालगंज, पांडेयपट्टी होते हुए करीब तीस गांवों को पार कर तिवाय में चौसा मोहनिया मार्ग से जुड़ जाएगा. बाइपास का डीपीआर तैयार करने वाली एजेंसी के फाइनल रिपोर्ट के बाद सरकार द्वारा गजट प्रकाशित करते हुए जमीन अधिग्रहण का अधिकार संबंधित अधिकारियों को दे दिया गया है. इसके विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को लगने वाले खर्च के साथ ही भूमि की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. इस योजना के बाद शहर के पश्चिमी भाग को और आगे की ओर फैलने का ज्यादा अवसर मिलेगा. फोरलेन को कनेक्टिविटी देने के लिए योजना की रूपरेखा तैयार कर सितम्बर में ही इसका गजट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही संबंधित चार अंचलाधिकारियों को गांवों के नाम सुधार आदि के लिए भेज दिया गया है. हालांकि, इसकी प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है तथा इन सारी प्रक्रियाओं के पूरा होने में करीब एक से दो साल तक लगने की संभावना है. प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही फोरलेन बाइपास का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.



नगर का होगा विस्तार और विकास, सुधरेगा जीवन-स्तर: अजय केशरी

नगर के स्टेशन रोड के निवासी भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी अजय केशरी बताते हैं कि नया बाइपास बनने से नगर का भी विस्तार होगा। उन्होंने बताया कि अभी एक छोटे से क्षेत्र में सघन आबादी होने से शहर का  विकास नहीं हो सका है। अमूमन नगर से 5 किलोमीटर या उससे दूर बाइपास बनाया जाता है जिससे नगर का विस्तार होगा और उद्योग-धंधों का विकास होगा जिससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा. जिले के डीएम रह चुके अजय यादव ने इस तरह के बाइपास बनाने की बात कही थी. यह योजना आज परिलक्षित हो रही है, जो बेहद खुशी की बात है.
 




क्यों जरूरी है नया बाइपास:

दरअसल , बढ़ती आबादी के साथ तेजी से बढ़ रहे वाहनों के लोड को पहले की बनी सड़कें अब उठाने में सक्षम नहीं हो पा रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पटना - बक्सर फोरलेन के अस्तित्व में आने के बाद शहर में जाम की स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो जाएगी. मौजूदा समय एनएच -84 पर जाने के लिए शहर से होकर ही वाहन गुजरते हैं. इसके कारण आए से बक्सर के रास्ते मोहनियां रोड दिन शहर को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. बलिया से बक्सर को जोड़ने वाली गंगा पुल के बगल में बन रहा नया पुल भी इसी फोरलेन योजना का हिस्सा है. इसके बन जाने के साथ ही उस ओर से भी वाहनों की संख्या में अचानक तेजी से वृद्धि होगी. ऐसे में बक्सर में बॉटम - नेक को दूर करने के लिए नया फोरलेन बेहद जरूरी होगा. इन तीन वर्षों के अंदर बाइपास का रोडमैप तैयार कर लेने के साथ ही इस पर अंतिम मुहर लग गई है.

शहर का होगा विस्तार : 

नया फोरलेन बाइपास बनने के साथ ही एक छोटे से दायरे में सिमटे बक्सर शहर का अचानक काफी तेजी से विस्तार हो जाएगा.  इससे अनेक गांव जो अभी तक विकास के मानक पर पिछड़े हैं, वे भविष्य में शहरी क्षेत्र के अंग बन जाएंगे. फोरलेन के दायरे में पड़ने वाले सभी गांवों को शहरों में मिलने वाली तमाम सुविधाएं उपलब्ध होनी शुरु हो जाएगी.

तीन बड़े पुल और अनेक छोटी पुलिया का होगा निर्माण:

फोरलेन बाइपास के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा रेलवे लाइन बन रहा है. इसके लिए कतकौली से आगे रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है इसके अलावा नए बाइपास में ठोरा नदी तथा कर्मनाशा नदी को पार करने के लिए भी पुल की दरकार होगी. इसके अतिरिक्त बीच में कई स्थानों पर जरूरत के अनुसार छोटी पुलिया का भी निर्माण कराया जाएगा.

शहर के बाहर से बनेगा नया फोरलेन बाइपास, मिलेंगी सुविधाएं:

दरअसल बक्सर में फोरलेन बाइपास के लिए कहीं भी पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण एक नया बाइपास सड़क बनाने की योजना बनाई गई है. यह बक्सर शहर में पूरब से प्रवेश करने के पहले ही अहिरौली के पास मौजूद कतकौली से दक्षिण दिशा की ओर घूम जाएगा और लालगंज, गुरदास मठिया, पांडेयपट्टी से गोपनुआंव, चक्रहँसी, दुबौली, हरिपुर, लरई, कोड़रवा, दुबौली, नावागांव, पवनी, चुन्नी से होते हुए चौसा के महादेवा, बघेलवा, धर्मागतपुर, अकबरपुर, अखौरीपुर, खिलाफतपुर , बनारपुर के बाद राजपुर के रोहनीभान, डिहरी, निकृष, रामपुर खुर्द, रामपुर कला, बैरमपुर तथा तिवाय से होते हुए मोहनिया में एनएच से जुड़ जाएगा.








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