दर्पण श्रीवास्तव एण्डटीवी के ‘येशु‘ में निभायेंगे स्वार्थी राजा हेरोड की भूमिका ..

अपने किरदार के बारे में विस्तार से बताते हुए दर्पण श्रीवास्तव ने कहा, हालांकि मैंने कई नकारात्मक भूमिकाएं निभाई है, लेकिन यह अब तक मैंने जितने भी किरदार निभाएं है उससे बहुत अलग है. हालांकि, हेरोड के गुणों एवं चरित्र के बारे में शायद लोग जानते हो, लेकिन मेरा मकसद उसके उस पहलू को दिखाना है, जो दर्शकों के लिये थोड़ा आसामान्य और अलग होगा. इस किरदार को गढ़ने के लिए इस पर बहुत सारी रिसर्च और स्टडी की गई है, और मैं अपनी पूरी क्षमता के साथ इस किरदार को बेहतरीन तरह से निभाने की कोशिश करूंगा. 

 




 
बक्सर टॉप न्यूज़, दिल्ली: टेलीविजन के लोकप्रिय अभिनेता दर्पण श्रीवास्तव एक और किरदार को बखूबी निभाने जा रहे है. उन्हें एण्डटीवी ने आगामी शो येशु में राजा हेरोड की भूमिका निभाने के लिए चुना है. एक अत्याचारी और क्रूर शासक रूप में मश्हूर है, राजा हेरोड बहुत ही ज्यादा दुस्साहसी और महत्वाकांकक्षी था. वह एक बहुत ही स्वार्थी और निर्दय राजा है, जो केवल स्वार्थ देखता है और उसे पूरा करने के लिये किसी भी हद तक जा सकता है. 



अपने किरदार के बारे में विस्तार से बताते हुए दर्पण श्रीवास्तव ने कहा, हालांकि मैंने कई नाकारात्मक भूमिकाएं निभाई है, लेकिन यह अब तक मैंने जितने भी किरदार निभाएं है उससे बहुत अलग है. हालांकि, हेरोड के गुणों एवं चरित्र के बारे में शायद लोग जानते हो, लेकिन मेरा मकसद उसके उस पहलू को दिखाना है, जो दर्शकों के लिये थोड़ा आसामान्य और अलग होगा. इस किरदार को गढ़ने के लिए इस पर बहुत सारी रिसर्च और स्टडी की गई है, और मैं अपनी पूरी क्षमता के साथ इस किरदार को बेहतरीन तरह से निभाने की कोशिश करूंगा. हल्के-फुल्के अंदाज में कहूं तो, मेरा यह कहना गलत नहीं होगा कि मैं वैसा हेरोड बनना चाहूंगा, जिससे अब तक न तो कोई मिला है और न हीं मिलना चाहेगा. इस शो के बारे में और भी ज्यादा जानने के लिये हमारे साथ बने रहिये." 




‘येशु‘ विशेष रूप से एक परोपकारी बच्चे की कहानी है जो सिर्फ अच्छाई करना चाहता है और अपने आस-पास खुशियां फैलाता है. सभी के लिए उसका प्यार और करुणा उन बुरी, शैतानी शक्तियों के लिये बिल्कुल विपरीत हैं, जो उनके जन्म और बचपन के दौरान मौजूद थीं. अपनेे परिवार और समाज पर होने वाले अत्याचारों ने उन्हें काफी प्रभावित किया. दूसरों की मदद करने और उनके दर्द को कम करने की कोशिश अक्सर उन्हें उस राह पर ले जाती थी जहां वह निश्चित रूप से आहत होते थे और न सिर्फ उत्पीड़कों बल्कि एक बड़ी संख्या में लोगो द्वारा भी उनकी निंदा की जाती थी. लेकिन, आखिरकार ये चीजें भी उन्हें उनके रास्ते पर चलने से नहीं रोक पाईं. येशु की कहानी अच्छाई बनाम बुराई के बीच की सिर्फ एक आदर्श कहानी ही नहीं है, बल्कि यह येशु और उनकी समर्थक एवं मार्गदर्शक बनीं उनकी मां के बीच के खूबसूरत रिश्ते को भी दर्शाता है. 

और अधिक जानने के लिये देखते रहिये ‘येशु‘, बहुत जल्द सिर्फ एण्डटीवी पर!







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