हाइटेक साइबर ठगों का गैंग गिरफ्तार, एटीएम का क्लोन बनाकर करते थे ठगी ..

बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधी एटीएम से पैसे उड़ाने के हर फन के माहिर खिलाड़ी थे. फ्रॉड करने के लिए उन्होंने अपने साथ कई प्रकार के इलेक्ट्रानिक डिवाइस और चिप रखे थे, जिनका मशीन पर इस्तेमाल करते हुए पिन नम्बर से लेकर कार्ड का क्लोन तक बना लिया करते थे. 





- स्कार्पियो, 27 एटीएम कार्ड समेत पांच लोगों का गैंग गिरफ्त में
- बेहद ही हाइटेक तरीके से करते थे ठगी बहुतों को बनाया था शिकार

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पुलिस ने ठगों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो एटीएम के आसपास लग्जरी गाड़ियों में घूमते हुए कुछ ऐसा करता था जिससे कि एटीएम से पैसे निकालने पहुंचने वाले लोगों के एटीएम कार्ड का न सिर्फ क्लोन बना लिया जाता था बल्कि, उनके खाते से जब मन करता पैसे की निकासी कर लेते थे. जिले में लगातार बैंक एटीएम से पैसे निकाल लिए जाने की हो रही घटनाओं से आम जनता के साथ पुलिस भी परेशान थी. अपराधियों की तलाश में लगी पुलिस को अचानक एक सुराग नजर आ गया और छापेमारी कर पांच साइबर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार अपराधियों के पास से कई इलेक्ट्रानिक डिवाइस के अलावा 27 एटीएम कार्ड समेत स्कार्पियो तथा लैपटॉप बरामद करते हुए पुलिस ने जब्त कर लिया है. पुलिस के अनुसार गिरफ्तार पांचों अपराधी एटीएम फ्रॉड के सारे दाव पेंच अपनाते थे.

इसकी जानकारी देते पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार की दोपहर अचानक पुलिस को सूचना मिली कि शहर के अम्बेडकर चौक स्थित एसबीआइ एटीएम के पास एक हरे रंग की स्कार्पियो में चार से पांच की संख्या संदिग्ध व्यक्ति मौजूद हैं, जो बार-बार एटीएम में जा रहे हैं. सूचना मिलते ही परेशान पुलिस के कान खड़े हो गए और तत्काल पुलिस निरीक्षक मुकेश कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन करते हुए छापेमारी की गई. पुलिस को पहुंचते देख एटीएम में मौजूद दो लड़कों के अलावा स्कार्पियो में सवार तीन अन्य भागने का प्रयास किए पर, पुलिस बल द्वारा दौड़ते हुए उन्हें पकड़ लिया गया. पूछताछ में उनकी पहचान गया के बड़गांव निवासी रजनीश कुमार, नवादा के पकड़ीबराखा निवासी अविनाश कुमार, नवादा के हिसुआ निवासी राहुल कुमार, तथा गया के बड़गांव निवासी आलोक रंजन और राहुल कुमार सिंह के रूप में की गई. तलाशी के क्रम में उनके पास से 27 एटीएम कार्ड, रेड इलेक्ट्रोनिक्स डिवाइस, डेटा केबल तथा चिप के अलावे एक लैपटॉप, 6 मोबाइल और 40 बोतल शराब बरामद की गई. पूछताछ में पता चला कि इन डिवाइसें का उपयोग कर वे लोग एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करते थे तथा चिप की मदद से पिन नम्बर की जानकारी लेकर फ्रॉड करते थे. मामले में सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.



की पैड लॉक कर 55 वर्ष से अधिक को बनाते थे निशाना

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी प्राय एटीम के की पैड में कोई छोटा सा पिन अथवा लकड़ी का छोटा पतला टुकड़ा फंसाकर की-पैड को लॉक कर देते थे, तथा एटीएम मशीन के इर्द-गिर्द ही खड़े रहते थे. पैसा निकालने वाले आते थे और की-पैड को काम नहीं करते देख वापस लौट जाते थे. जबकि, जैसे ही कोई 55-60 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग पैसा निकालने पहुंचते थे उन्हें अपना टार्गेट बनाते हुए मदद को पहुंच जाते थे. पैसे निकालने की मदद के नाम पर पिन नंबर जानने के साथ धीरे से उनके कार्ड बदलकर दूसरा कार्ड दे देते थे, और बाद में उससे पैसे निकाल लिया करते थे.

इलेक्ट्रानिक डिवाइस की लेते थे मदद:

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधी एटीएम से पैसे उड़ाने के हर फन के माहिर खिलाड़ी थे. फ्रॉड करने के लिए उन्होंने अपने साथ कई प्रकार के इलेक्ट्रानिक डिवाइस और चिप रखे थे, जिनका मशीन पर इस्तेमाल करते हुए पिन नम्बर से लेकर कार्ड का क्लोन तक बना लिया करते थे. इसके लिए एक लम्बा पतला डिवाइस की-पैड के उपर लगाते थे, वही एक चिप जिस स्थान पर कार्ड डाला जाता है उसके उपर लगा दिया करते थे। कोई व्यक्ति पैसे निकालने आता और जब पैसे निकाल कर चला जाता तो डिवाइस को निकालकर लैपटॉप से जोड़ते ही कार्ड के बारे में सारी जानकारी उन्हें मिल जाती थी. इसके बाद आसानी से कार्ड का क्लोन तैयार कर छोटे-छोटे टुकड़ों में निकासी करते रहते थे.

अब 10 हजार के अंदर करते थे निकासी

दरअसल कुछ ही माह पहले एटीएम से हो रहे फ्रॉड को देखते हुए अब नियम बना दिया गया है कि दस हजार से अधिक की निकासी पर खाता से जुड़े मोबाइल पर संबंधित बैक द्वारा ओटीपी भेजा जाएगा. जिसे दर्ज करने के बाद ही पैसे की निकासी संभव हो सकेगी. बैंकों की इस नई प्रणाली के कारण साइबर अपराधी भी अब एक बार में अधिकतम दस हजार की ही निकासी करते थे, जिससे ओटीपी का कोई झंझट नहीं रहता था और उनका काम भी पूरा हो जाता था.

पुरस्कृत होंगे गिरफ्तारी टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारी

पुलिस के इस अभियान के लिए सदर डीएसपी गोरख राम के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था. जिसमें पुलिस निरीक्षक मुकेश कुमार, नगर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, अनु. जाति थानाध्यक्ष संजीव कुमार के अलावा एसआई राजेश मालाकार, सुनील कुमार निर्झर, ज्ञानप्रकाश, रजनीश कुमार रंजन तथा प्रह्लाद पाठक शामिल थे. बताया जा रहा है कि सभी को पुरस्कृत किया जाएगा.











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