गबन के आरोप पर पंचायत सचिव ने दी जांच को चुनौती ..

उन्होंने कहा कि वार्ड सचिव तथा मुखिया का दायित्व होता है कि वह वार्ड सदस्य के खाते में किए गए कार्य के लिए राशि का अंतरण करें. सरकारी नियम के अनुसार कार्य शुरु होने के साथ ही 60 फीसद भुगतान करना होता है लेकिन, इस पंचायत में तो कार्य पूरा होने के बाद उसकी मापी आदि करा कर राशि का अंतरण वार्ड सदस्य के खाते में किया गया है. ऐसे में पंचायत में कहीं भी घोटाले की बात ही नहीं है.






- जिला पदाधिकारी अमन समीर से मिल बताया, टीम ने की हवा-हवाई जांच
- कहा, काम पूरा होने के बाद किया गया भुगतान, घोटाले का सवाल ही नहीं

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: खुंटहा पंचायत में कथित तौर पर लाखों रुपयों के गबन मामले में जांच टीम पर अनियमितता बरतने के आरोप लगे हैं. बताया जा रहा है कि जांच टीम के द्वारा जो जांच की गई वह पूरी तरह से हवा हवाई थी. जांच के दौरान ना तो कार्यों का अवलोकन किया गया और ना ही कार्यपुस्तिका देखी गई. इस संदर्भ में तत्कालीन पंचायत सचिव मीर इब्नुल हुसैन ने जिला पदाधिकारी अमन समीर से मिलकर इस बात की शिकायत की है. साथ ही साथ उन्होंने अपने आवेदन की एक प्रति डीआईजी तथा एसपी को भी प्रेषित की है.

उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि खुंटहा पंचायत में कुल 25 योजनाओं के अंतर्गत 39 लाख रुपयों का विकास कार्य वार्ड संख्या 4, 7 एवं 13 में हुआ है. यहाँ भुगतान से पूर्व कार्य की मापी करा उसे मापी पुस्तिका में अंकित किया गया, जिसके बाद भुगतान किया गया जबकि, इसी कार्य को लेकर शिकायत पर जांच की गई लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से जांच दल ने ना तो कार्य का अवलोकन किया और ना ही मापी पुस्तिका देखी. इतना ही नहीं इस संदर्भ में मुखिया से भी पूछताछ नहीं की गई. उन्होंने कहा कि जांच टीम ने कुल 31 लाखों रुपयों का गबन दिखाया गया है लेकिन, कार्य 39 लाख रुपये का हुआ है. ऐसे में यह साफ है कि जांच ही गलत हुई है. वहीं मामले में जुलाई 2019 में एफआइआर दर्ज करायी गयी है जबकि, उसके पूर्व ही मापी पुस्तिका (एमबी) में मापी को दर्ज कर लिया गया है.

उन्होंने कहा कि वार्ड सचिव तथा मुखिया का दायित्व होता है कि वह वार्ड सदस्य के खाते में किए गए कार्य के लिए राशि का अंतरण करें. सरकारी नियम के अनुसार कार्य शुरु होने के साथ ही 60 फीसद भुगतान करना होता है लेकिन, इस पंचायत में तो कार्य पूरा होने के बाद उसकी मापी आदि करा कर राशि का अंतरण वार्ड सदस्य के खाते में किया गया है. ऐसे में पंचायत में कहीं भी घोटाले की बात ही नहीं है लेकिन, फिर भी मामले में मुखिया सचिव समेत आठ लोगों को अभियुक्त बनाकर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई. इतना ही नहीं बेगुनाह वार्ड सदस्यों को गिरफ्तार भी कर लिया गया. ऐसे में सचिव ने जिला पदाधिकारी व अन्य अधिकारियों से मामले में अपने स्तर से जांच कराने तथा दूध का दूध और पानी का पानी करने का अनुरोध किया है.















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