साहित्यकारों की रचना को आचार्य सहाय ने बनाया लोहे से सोना ..

शिवपूजन सहाय की रचनाएं देहाती दुनिया, कहानी का प्लॉट, मुंडमाल साहित्य की अमूल्य धरोहर होने के साथ ही साहित्य की कसौटी भी है. दिनकर की रेणुका, रश्मिरथी एवं प्रसाद की कामायनी जैसी रचनाएं शिव पूजन के संपादन से ही अमर हो गयी.

 





- आचार्य शिवपूजन सहाय की पुण्यतिथि पर आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा
- भोजपुरी साहित्य मंडल ने कविसम्मेलन का किया आयोजन 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भोजपुरी साहित्य मंडल बक्सर के तत्वावधान में हिंदी साहित्य के शिव आचार्य शिवपूजन सहाय की 58 वीं पुण्यतिथि पुराना चौक स्थित दुर्गावती कॉम्पलेक्स में मंडल अध्यक्ष अनिल कुमार त्रिवेदी की अध्यक्षता में मनायी गयी. कार्यक्रम का संचालन कवि श्रीभगवान पांडेय ने किया. सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य शिवपूजन के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उपस्थित साहित्यकारों ने अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर की. 



आधुनिक हिंदी साहित्य के विकास में आचार्य शिवपूजन सहाय के अवदान पर प्रकाश डालते हुए सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अरुण मोहन भारवि ने कहा कि सहाय बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. आपके हाथों में लेखनी नहीं जादू की छड़ी थी. जिसके पारसी स्पर्श से समकालीन अनेक साहित्यकारों की रचनाओं को लोहा से सोना बना दिया. आपकी लेखनी का कमाल कहानी, उपन्यास एवं संपादन कला के क्षेत्र में व्यापक रूप से दिखाई देती है. यही कारण है कि आप तत्कालीन साहित्य के प्रकाश पुंज बन गये थे. दीप नारायण सिंह एवं गजलगो कुमार नयन के अनुसार शिवपूजन सहाय की रचनाएं देहाती दुनिया, कहानी का प्लॉट, मुंडमाल साहित्य की अमूल्य धरोहर होने के साथ ही साहित्य की कसौटी भी है. दिनकर की रेणुका, रश्मिरथी एवं प्रसाद की कामायनी जैसी रचनाएं शिव पूजन के संपादन से ही अमर हो गयी. वहीं, अध्यक्ष अनिल कुमार त्रिवेदी ने कहा कि सही अर्थों में हिंदी साहित्य के शिव थे और अपनी हिंदी के लिए स्वयं गरलपान करते हुए अमृत दूसरों के लिए छोड़ दिया. 

पुण्यतिथि समारोह में कामेश्वर पांडेय, श्रीकृष्ण चौबे, रामाकांत तिवारी, श्रीनिवास पाठक, अमरेंद्र दूबे, डॉ रमेश कुमार, डॉ शशांक शेखर, राजेश महाराज, विमलेश पाठक, विनीत कुमार सिंह ने भी अपने विचार रखे.  इस दौरान कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें शिव बहादुर पांडेय "प्रीतम", महेश्वर ओझा "महेश", कुशध्वज सिंह "मुन्ना", कुमार नयन, डॉ. अरुण मोहन भारवि, रामाधार सिंह, राजेश महाराज , रामाकांत तिवारी, अभिषेक वर्मा ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.










Post a Comment

0 Comments