वीडियो: न्यायालय परिसर में व्याप्त असुविधाओं पर अधिवक्ताओं में रोष ..

बताते हैं कि न्यायालय परिसर में आने वाली महिलाएं पानी तक नहीं पीती है क्योंकि, पानी पीने के बाद यदि उन्हें मूत्रालय की आवश्यकता हुई तो वह उनके लिए मौजूद नहीं है. उन्होंने कहा कि बार संघ के नेता भी निष्क्रिय हो गए हैं.





- अधिवक्ताओं ने संघ के जिला अध्यक्ष को सौंपा मांग पत्र
- कहा, अधिवक्ता भवन में शौचालय मूत्रालय ना होना गंभीर सवाल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में बनाए गए नए अधिवक्ता भवन में शौचालय तथा मूत्रालय एवं पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण हो रही असुविधाओं को लेकर अधिवक्ता संघ के जिलाध्यक्ष को जिला महासचिव के द्वारा आवेदन सौंपकर जल्द से जल्द अधिवक्ता भवन में शौचालय तथा मूत्रालय के निर्माण कराए जाने की मांग की है.

अधिवक्ताओं ने बताया कि महिला अधिवक्ता, न्यायालय में आने वाली महिला आगन्तुक तथा वरिष्ठ अधिवक्ताओं समेत सभी अधिवक्ताओं को इसके कारण परेशानियां उठानी पड़ती है. न्यायालय परिसर में पेयजल के लिए भी कोई बेहतर व्यवस्था नहीं है. हैंडपंप अक्सर खराब रहता है. इसके अतिरिक्त पे एंड यूज सिस्टम से जो शौचालय है वह भी नियमित रूप से नहीं खुलता. 




वरिष्ठ अधिवक्ता गणपति मंडल ने बताया के न्यायालय परिसर में शौचालय तथा मूत्रालय एवं पेयजल की व्यवस्था नितांत जरूरी है. अधिवक्ता संघ के लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए. अधिवक्ता महेंद्र कुमार चौबे उर्फ मथुरा चौबे बताते हैं कि न्यायालय परिसर में आने वाली महिलाएं पानी तक नहीं पीती है क्योंकि, पानी पीने के बाद यदि उन्हें मूत्रालय की आवश्यकता हुई तो वह उनके लिए मौजूद नहीं है. उन्होंने कहा कि बार संघ के नेता भी निष्क्रिय हो गए हैं.

अधिवक्ता रविंद्र सिंह ने भी शौचालय, मूत्रालय तथा पेयजल की व्यवस्था को जल्द से जल्द किए जाने की मांग अधिवक्ता संघ के अधिकारियों से की. उधर, अधिवक्ता शिवजी राय तथा बिंदेश्वरी प्रसाद पांडेय ने बताया कि अधिवक्ता संघ भवन निर्माण के दौरान शौचालय तथा मूत्रालय एवं पेयजल की व्यवस्था भवन में नहीं होना अपने आप में एक गंभीर सवाल है. उन्होंने कहा कि यह भी बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न है कि बिना शौचालय, मूत्रालय अथवा पेयजल की व्यवस्था के कैसे स्टीमेट स्वीकृत हो गया और कैसे बिल का भी भुगतान हो गया? 

इस बारे में पूछे जाने पर अधिवक्ता संघ के महासचिव गणेश ठाकुर ने बताया कि कोरोना काल में अधिवक्ता भवन में शौचालय मूत्रालय बनाए जाने की योजना बनाई गई थी लेकिन, यह फलीभूत नहीं हो सकी. जल्द ही शौचालय व मूत्रालय बनाए जाने का कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पेयजल आदि के लिए भी बेहतर व्यवस्था की जाएगी.

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