पांडेय पट्टी को नगर निकाय में शामिल किए जाने पर ग्रामीणों को आपत्ति ..

ग्रामीणों ने पांडेय पट्टी ग्राम को नगर परिषद में शामिल किए जाने के फैसले को गलत बताया है. ग्रामीणों के द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र मुख्य चुनाव पदाधिकारी तथा जनसंख्या निदेशालय के निदेशक  तथा डीएम को सौंपा गया है.
संजय तिवारी, सरपंच प्रतिनिधि




- सरपंच प्रतिनिधि के नेतृत्व में ग्राम वासियों ने डीएम समेत राज्य स्तरीय अधिकारियों को भेजा पत्र
- पूछा, पुरानी जनगणना के आधार पर क्यों किया गया परिसीमन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पांडेय पट्टी को नगर निकाय में शामिल किए जाने का विरोध किया जा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता तथा पांडेय पट्टी सरपंच प्रतिनिधि संजय तिवारी समेत ग्रामीणों ने पांडेय पट्टी ग्राम को नगर परिषद में शामिल किए जाने के फैसले को गलत बताया है. ग्रामीणों के द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र मुख्य चुनाव पदाधिकारी तथा जनसंख्या निदेशालय के निदेशक  तथा डीएम को सौंपा गया है.  ग्रामीणों का कहना है कि जनसंख्या निदेशालय के द्वारा 2021 में होने वाली जनगणना को ध्यान में रखकर गत वर्ष जनवरी 2020 में प्रारंभ किए गए 2011 के जनसंख्या जनगणना पूर्ण होने तक परिसीमन कार्य पर पर रोक लगायी थी लेकिन, इस के आदेश के बावजूद 2011की जनसंख्या को आधार मानकर परिसीमन प्रारंभ कर दिया गया. जिसमें व्यापक अनियमितता भेदभाव तथा पारदर्शिता का ख्याल नहीं रखा गया. ऐसे में पांडेय पट्टी गांव को नगर परिषद में शामिल करना पूरी तरह से अव्यवहारिक है. उन्होंने पूछा कि पूरे देश में जब 2021 में जनगणना होनी है तो आखिर किस प्रकार 2011 की जनगणना के आधार पर ही परिसीमन कर दिया गया?




उन्होंने कहा कि, इस फैसले से परिसीमन जनसंख्या का आकलन नही होगा तथा तय की परिसीमन पर निश्चितरूप से सवाल पर सवाल उत्पन्न होगें. इसके साथ ही ग्राम पंचायत में चल रही विभिन्न विकास योजनाएं भी ठप पड़ जाएंगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी जिन क्षेत्रों को नगर निकाय में शामिल किया गया है उनकी स्थिति भी बहुत बेहतर नहीं है. ऐसे में इस परिसीमन को तब तक निलंबित रखा जाए जब तक 2021 की जनगणना नहीं हो जाती. अगर उनके आवेदन पर विचार नहीं होता तो ग्रामवासी न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे.











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