लाखों की वित्तीय ठगी के शिकार दिव्यांग ने लगाई पीएमओ में गुहार, फिर भी लाचार ..

उन्होंने बताया है कि प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देशित किए जाने के बावजूद भी जिला स्तरीय पदाधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करते वहीं, मामले में पूछे जाने पर राज्य निःशक्तता आयुक्त ने दिव्यांग व्यक्ति को राज्य नि:शक्तता आयुक्त की अदालत में शिकायत करने की सलाह दी है.






- कहा, प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश को भी नहीं मानते जिला स्तरीय अधिकारी
- नि:शक्तता आयुक्त ने दिलाया कार्रवाई का भरोसा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक नन बैंकिंग कंपनी के द्वारा मैच्योरिटी हो जाने के बावजूद भुगतान नहीं किए जाने से परेशान एक दिव्यांग ने मामले को लेकर मीडिया से गुहार लगाई है. उन्होंने बताया है कि प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देशित किए जाने के बावजूद भी जिला स्तरीय पदाधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करते वहीं, मामले में पूछे जाने पर राज्य निःशक्तता आयुक्त ने दिव्यांग व्यक्ति को राज्य नि:शक्तता आयुक्त की अदालत में शिकायत करने की सलाह दी है.




इस बाबत सिविल लाइंस मोहल्ले के रहने वाले दिव्यांग गौरी शंकर तिवारी का कहना है कि उन्होंने संकल्प सृजन प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से स्वयं तथा अपने रिश्तेदारों के द्वारा कुल मिलाकर तकरीबन 10 लाख रुपयों की राशि जमा करायी लेकिन, मैच्योरिटी हो जाने के तकरीबन 2 वर्ष बीत जाने के बावजूद उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा. मामले को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक गुहार लगाई, जहां से बार-बार जिला स्तरीय पदाधिकारियों को मामले में हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया गया. बावजूद इसके अब तक उन्हें भुगतान नहीं प्राप्त हो सका है.






उन्होंने बताया कि कंपनी की जिला शाखा बाइपास रोड में एक निजी मकान में संचालित होती थी. मकान मालिक एवं उनके परिचित शाखा में कर्मी की भूमिका निभाते थे. मैच्योरिटी होने के बाद उनसे संपर्क करने पर उन्होंने कंपनी के प्रधान कार्यालय बिहटा में जाने की सलाह दी वहां जाने पर कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार के द्वारा आज - कल कहते हुए उन्हें दौड़ाया जा रहा है. बाद में उन्होंने पिछले वर्ष की 11 जुलाई को पीएमओ में अपनी शिकायत दर्ज करायी, जिसके बाद जिला स्तरीय पदाधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया गया बावजूद इसके उनके द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है. उन्होंने बाद में सीएमओ में भी आवेदन दिया था वहां से भी जिला के पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए थे लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

मामले में पूछे जाने पर राज्य नि:शक्तता आयुक्त डॉ शिवाजी कुमार ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति को राज्य निःशक्तता आयुक्त की अदालत में आकर अपनी बात रखने की बात कही गई है इसके बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।






Post a Comment

0 Comments